
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बस्तर और सरगुजा जिले में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होकर इन दोनों आदिवासी बहुल जिलों को 1007 करोड़ 55 लाख रूपए की लागत के 2848 कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री 8 अगस्त को बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर पहुंचेंगें तथा 9 अगस्त को जगदलपुर के पीजी कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम में 674 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत के 2580 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे।
मुख्यमंत्री जगदलपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सरगुजा जिले के विकासखण्ड मुख्यालय सीतापुर में विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में शामिल होकर जिले को 334 करोड़ 23 लाख रूपए की लागत के 269 कार्यों की सौगात देंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल जगदलपुर में 523 करोड़ 87 लाख रूपए की लागत के 2118 कार्यों का भूमिपूजन तथा 150.32 करोड़ रूपए की लागत के 462 कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसी तरह सरगुजा जिले के सीतापुर में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री 143 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत के 136 कार्यों का लोकार्पण तथा 190 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत के 133 कार्यों का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल इन दोनों ही कार्यक्रमों में राज्य शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत हितग्राहियों को सहायता राशि और सामग्री का वितरण भी करेंगे।
सांसद श्री राहुल गांधी ने ‘विश्व आदिवासी दिवस‘ की दी शुभकामनाएं
सांसद श्री राहुल गांधी ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासियों के लिए सक्रिय रूप से काम करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि विश्व आदिवासी दिवस पर मैं हमारे आदिवासी समुदायों का सम्मान करना चाहूंगा, जो हमारी भूमि और परंपरागत ज्ञान के सच्चे संरक्षक हैं। हमारे आदिवासी समुदाय, आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी विरासत को सुरक्षित रखने में हमेशा सबसे आगे रहे हैं। एक समाज के रूप में, हम अपने आदिवासी भाईयों और बहनों से, अपने मूल्यों की अंत तक रक्षा करने की शक्ति के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं।
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- प्रियंका (Media Desk)
- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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