दिनांक : 19-Mar-2024 05:05 PM
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023: 21 जून को ही क्यों मनाते हैं योग दिवस? 180 से ज्यादा देशों के लोग लेंगे हिस्सा, पीएम मोदी करेंगे नेतृत्व

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023: 21 जून को ही क्यों मनाते हैं योग दिवस? 180 से ज्यादा देशों के लोग लेंगे हिस्सा, पीएम मोदी करेंगे नेतृत्व

Chhattisgarh, India
भारत को योग गुरु कहा जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। योग का  अभ्यास शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 21 जून को आयोजित योग दिवस समारोह में 180 से अधिक देशों के लोग हिस्सा लेंगे और इसमें राजनयिकों, कलाकारों, शिक्षाविदों और उद्यमियों सहित अन्य शामिल होंगे। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कब मनाया गया पहला योग दिवस? संयुक्त राष्ट्र ने साल 2015 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी, तब प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यकाल था। इस घोषणा को सरकार ने अपनी विदेश में सफलता और भारत के बढ़ते वैश्विक कद के रूप में प्रचारित किया। कोरोना काल के बाद योग का महत्व अधिक बढ़ गया। संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के ...
रायपुर : मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक श्री जय प्रकाश चौकसे के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया

रायपुर : मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक श्री जय प्रकाश चौकसे के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया

Chhattisgarh, India
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने ईश्वर से  चौकसे के शोकाकुल परिजनों और उनके पाठकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है। फिल्म लेखक और समीक्षक जयप्रकाश चौकसे (Jai Prakash Chouksey) का इंदौर में दिल का दौरा पड़ने से 82 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। वह फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे थे। चौकसे के बेटे राजू चौकसे ने 'पीटीआई-भाषा' को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, 'घर में आराम कर रहे मेरे पिता को अचानक दिल का दौरा पड़ा। उनके बेसुध होने पर मेरी डॉक्टर पत्नी ने जांच की, तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।' फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित... राजू चौकसे ने बताया कि उनके पिता पिछले सात साल से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे और विगत तीन महीने से उनकी तबीयत ज्यादा खराब चल रही थी। जयप्रकाश चौकसे ने 'शायद' (1...
कवर्धा में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी, 70 लोगो की गिरफ़्तारी, धरने पर बैठे भाजपा नेताओ ने कहा “हमारे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अनुचित”

कवर्धा में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी, 70 लोगो की गिरफ़्तारी, धरने पर बैठे भाजपा नेताओ ने कहा “हमारे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अनुचित”

Chhattisgarh, India
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में तनावपूर्ण शांति है। पुलिस ने 70 लोगों की पहचान की थी। इन सभी को बुधवार देर रात तक गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य उपद्रवियों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने गुरुवार को कर्फ्यू में ढील देने से साफ मना कर दिया है। आगे का निर्णय स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा। वहीं शहर में घुसने से रोकने पर पूर्व मंत्री सहित कई भाजपा नेता बाहर धरने पर बैठ गए हैं। दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता उपद्रव के दौरान हुए लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं। इसके चलते कार्यकर्ता गुरुवार दोपहर गिरफ्तारियां देने निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। शहर में धारा-144 के साथ-साथ कर्फ्यू का हवाला देते हुए उन्हें लौटा दिया गया है। पहले की स्थिति को देखते हुए प्रशासन कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है। दूसरी ओर कार्...
रायपुर : मुख्यमंत्री ने गुरूजनों को शिक्षक दिवस पर दी शुभकामनाएं

रायपुर : मुख्यमंत्री ने गुरूजनों को शिक्षक दिवस पर दी शुभकामनाएं

Career, Chhattisgarh
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी गुरूजनों और प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अध्यापक के रूप में उच्च नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में उतारने के साथ ही अपने छात्रों को भी इसके लिए प्रेरित किया। डॉ. राधाकृष्णन कठिन विषय को अपनी शैली से सरल, रोचक और प्रिय बना देते थे। उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में गुरू को गोविंद से भी बड़ा दर्जा दिया गया है, क्योंकि ईश्वर तक पहुंचने और सत्मार्ग पर चलने का रास्ता गुरू ही बताते हैं। समाज के लिए अच्छा नागरिक तैयार करने में शिक्षक की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके इस...
विशेष लेख- शिक्षक दिवस : शिक्षा की रोशनी ने दृष्टिबाधित गोपेन्द्र के जीवन में लाया उजियारा

विशेष लेख- शिक्षक दिवस : शिक्षा की रोशनी ने दृष्टिबाधित गोपेन्द्र के जीवन में लाया उजियारा

Career, Chhattisgarh, India
शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे देश का भविष्य निर्माण होता है। समाज को गतिशील बनाकर विकास का आधार प्रदान करने के साथ व्यक्तित्व के विकास में भी शिक्षा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। शिक्षा एक ऐसी रोशनी है जो किसी के अंधकारमय जिंदगी को संवार कर उजाले की ओर सही दिशा में ले जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी गोपेन्द्र सोनकर की है। भले ही वह अपनी आंखों से देख नहीं पाता। लेकिन गांव के स्कूल में मिली शिक्षा ने उसकी जिंदगी को संवार दिया है। दृष्टिबाधित होने के बावजूद गोपेन्द्र ने अपनी पढ़ाई पूरी की। अब अपनी योग्यता की बदौलत वह उसी स्कूल में शिक्षक बनकर गांव के बच्चों को पढ़ाने जाने वाला है  जहां उसने अपनी पढ़ाई शुरू की थी। खास बात यह भी है कि इसी विद्यालय में गोपेन्द्र सोनकर के पिता श्री ढालेन्द्र सोनकर प्रधानपाठक है। रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत कागदेही निवासी गोपेन्द्र सोनकर ने शि...