दिनांक : 11-May-2024 05:14 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

टैग: chhattisgarh festivals

दान देने और लेने का पर्व छेरछेरा… जानिए क्यों मनाया जाता है दान का महापर्व छेरछेरा तिहार

दान देने और लेने का पर्व छेरछेरा… जानिए क्यों मनाया जाता है दान का महापर्व छेरछेरा तिहार

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में पौस माह की पूर्णिमा तिथि को "छेरछेरा" का जो पर्व मनाया जाता है, वह अलग-अलग वर्ग के लोगों के द्वारा अलग-अलग मान्यताओं के अंतर्गत मनाया जाता है। यहां के मूल निवासी वर्ग के लोग, जो गोंडवाना या कहें, आदिवासी संस्कृति को जीते हैं, वे इसे पौस पूर्णिमा के अवसर पर गोटुल/घोटुल की शिक्षा में पारंगत हो जाने के पश्चात् तीन दिनों का पर्व मनाते हैं। जबकि यहां के मैदानी भाग में निवासरत अन्य सामान्यजन खरीफ की फसल की लुवाई-मिसाई के पश्चात उल्लास के रूप में एक दिन का दान पर्व के रूप में मनाते हैं। इन दोनों ही मान्यताओं से इतर मुझे अपने साधनाकाल में इसके आध्यात्मिक स्वरूप का जो ज्ञान प्राप्त हुआ, उसके अनुसार यह पर्व महादेव द्वारा विवाह के पूर्व देवी पार्वती से परीक्षा लेने के निमित्त,उनके घर जाकर भिक्षा मांगने के प्रतीक स्वरूप मनाया जाने वाला पर्व है। आप सभी को यह ज्ञात है कि पार्वती से ...
कांकेर: महादान के लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी पर मुख्यमंत्री निकले दान मांगने, मुख्यमंत्री को धान से तौला गया

कांकेर: महादान के लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी पर मुख्यमंत्री निकले दान मांगने, मुख्यमंत्री को धान से तौला गया

Chhattisgarh
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी पर्व परम्परा के अनुरूप आज सवेरे जिला मुख्यालय कांकेर के पुराने बस स्टेण्ड में मुख्य मार्ग की दुकानों और घरों में जाकर छेरछेरा पुन्नी का दान मांगा। महिलाओं ने तिलक लगाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें चावल, लड्डू, फल भेंट किए। छेरछेरा पर्व पर मुख्यमंत्री को धान से तौला गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी लोगों को छेरछेरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नई फसल के घर आने की खुशी में महादान का यह उत्सव पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छेरछेरा पुन्नी पर बच्चों, युवाओं, किसानों, मजदूरों और महिलाओं की टोली घर-घर जाकर छेरछेरा पुन्नी का दान मांगते हैं। इस पर्व में समानता का भाव प्रमुखता से उभर कर सामने आता है। धनी और गरीब व्यक्ति एक दूसरे के घर दान मांगने जाते...