दिनांक : 27-Apr-2024 01:51 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

शिवनाथ नदी पर पुल बनने से 37 ग्रामों के 72 हजार लोगों को मिली बारहमासी आवागमन की सुविधा

13/09/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास के लिए, सड़क संपर्क की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शैक्षणिक संस्थाओं तक विद्यार्थियों को पहुंचने के लिए सरल, सुविधाजनक मार्ग जीवन में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ तहसील  के ग्राम कमरीद के पास शिवनाथ नदी पर 15 करोड़ 19 लाख रूपए की लागत से 425 मीटर लंबा पुल बनाया गया है। इस पुल के बन जाने से जांजगीर-चांपा और बलौदाबाजार जिले के 37 ग्रामों के करीब 72 हजार से अधिक लोगों को आवागमन की बारहमासी सुविधा मिलेगी। यह पुल इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास का आधार बनेगा।

यह पुल जांजगीर-चांपा और बलौदा बाजार जिले को जोड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है। बलौदा बाजार जिले के ग्राम लवन क्षेत्र के लोगों को खरौद और शिवरीनारायण जैसे समृद्ध बाजार का लाभ भी मिलेगा। इससे व्यापार में वृद्धि होगी। बलौदाबाजार जिले के ग्राम पौंसर निवासी श्री खिलावन ने बताया कि पुल नहीं होने के कारण नाव या बोट के माध्यम से आना -जाना करना पड़ता था। जिसके कारण अतिरिक्त किराया भी देना पड़ता था। बरसात के दिनों में या रात के समय नदी पार करना संभव नहीं होता था। जरूरी काम होने पर बहुत परेशानी होती थी। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि शिवनाथ नदी पर पुल  बनने से आवागमन की सुविधा का विस्तार हो गया है। इसी प्रकार जांजगीर चांपा जिले के ग्राम चंगोरी निवासी परमेश्वर ने बताया कि अब बलोदाबाजार जिला जाने के लिए शिवरीनारायण की ओर जाना नहीं पड़ेगा। वह सीधे लवन होते हुए रायपुर की ओर जा सकेंगे। इससे समय और पैसे की बचत भी होगी। यह पुल इस क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।