
रायपुर। सर्वश्रेष्ठ इंस्टिट्यूट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट की तैयारी करवाता है। संस्थान का ये लक्ष्य है कि उन छात्रों पर अधिक ध्यान दिया जाए जो पढ़ाई में औसत माने जाते है। अपनी स्थापना के प्रथम वर्ष में 6 छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ इंस्टिट्यूट से नयी तकनीक और नीट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारियों की बारीकियां सीखी। देखते ही देखते कुछ वर्षों में छात्रों का कारवाँ बढ़ता गया, नए-नए छात्र जुड़ते गए आज सैकड़ो छात्र एवं छात्राएं सर्वश्रेठ इंस्टिट्यूट की मेडिकल कोचिंग का लाभ ले चुके है।
इन चार वर्षों में संस्थान के कुछ छात्रों ने नीट की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करके MBBS कोर्स में दाखिला भी ले लिया है। संस्थान में दाखिले का ये नियम है कि छात्र पढ़ने में औसत हो या नीट की परीक्षा में उसके 360 से कम अंक आए हों।
संस्थापक अंकित गोयल का परिचय, विद्यार्थी से मार्गदर्शक तक का सफर
छत्तीसगढ़ के प्रतिभावान युवा उद्यमी श्री अंकित गोयल जी का जन्म 9 जुलाई 1999 को छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित संकरा ग्राम के श्री जय प्रकाश अग्रवाल घराने में हुआ। इन्होने स्कूल की शिक्षा भिलाई (दुर्ग) के प्रख्यात कृष्णा पब्लिक स्कूल से वर्ष 2017 में पूरी की है।
एक छोटे से गांव सांकरा से रायपुर के मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे अंकित गोयल को एक दिन उन विद्यार्थियों की मदद करने की सूझी, जिन्हे औसत समझा जाता था, जिनके मार्क्स देख कर उन्हें मेडिकल शिक्षा के काबिल नहीं समझा जाता था।
फलस्वरूप दिनांक 8 जून 2019 को श्री अंकित गोयल ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शहर में सर्वश्रेष्ठ इंस्टिट्यूट की नीव रखी।
अंकित बताते हैं कि वे किशोरावस्था में नीट की परीक्षा पास करने के लिए वे कोटा राजस्थान के एक प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ने गए। उन्होंने वहां पढ़ते-पढ़ते अनुभव किया की सभी कोचिंग संस्थानों का ध्यान केवल अव्वल विद्यार्थियों पर ही रहता है, वे औसत दर्जे के विद्यार्थियों पर उतनी मेहनत नहीं करते। एक कक्षा में 250-300 बच्चे होते थे और छह से आठ घंटे की कोचिंग। बाद में कोर्स पूरा करने के लिए एक ही टेबल पर 15-15 घंटे तक भूखे प्यासे, बिना हिले एक मशीन के जैसे पढाई करनी पढ़ती थी।
इतनी कड़ी मेहनत और पढ़ाई करने के बाद भी अंकित नीट की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके। उन्होंने एक कड़ा फैसला लिया और कोचिंग संस्थानो को त्याग कर स्वयं ही नीट की परीक्षा देने की ठानी और वे पास करने में कामयाब भी हुए। सफलता मिलते ही उन्होंने प्रण लिया की वे भी अपने जैसे दूसरे छात्रों के कंधों से पढ़ाई का बोझ कम करेंगे।
16 घंटो की जगह अब 8 घंटे की पढ़ाई का फार्मूला
अंकित ने विषय को सीमित करने के लिए अनावश्यक टॉपिक्स को बाहर किया, सिर्फ एनसीईआरटी पर ही केन्द्रित अपना एक सिलेबस तैयार किया। पढ़ाई को और आसान एवं रोचक बनाने के लिए इमेज-3D एनिमेशन को भी शामिल किया। साथ में यह भी ध्यान रखा कि एक बैच में 20 से अधिक छात्र ना हों ताकि सब पर बराबर का ध्यान दिया जा सके। कक्षा में अभिवादन की जगह कान्सेप्ट विश की शुरुआत करवाई, जिसमें पढ़ाए गए विषयों के बारे में बच्चों को अधिक जानकारी देनी होती है।
प्रेरणास्रोत – टाटा ग्रुप के रतन टाटा, राजीव कुमार (रिलायंस इंफ्रा)
अंकित गोयल ने कहा है कि वे टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद्मविभूषण से सम्मानित श्री रतन टाटा जी से अभिप्रेरित हैं। उनका आगामी लक्ष्य है कि वे सर्वश्रेष्ठ इंस्टीट्यूट को देश के हर कोने-कोने में ले जाए। वे रिलायंस इंफ्रा के पूर्व असिस्टेंट वाइज प्रेसिडेंट राजीव कुमार को भी अपना मार्गदर्शक मानते है।
रायपुर के देवेंद्र नगर में श्री नारायण हॉस्पिटल के सामने एक बड़े भवन में सर्वश्रेष्ठ इंस्टिट्यूट का मेडिकल कोचिंग सेण्टर चल रहा है, साथ में महासमुंद जिले में भी एक ब्रांच शुरू हो चुकी है।
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- प्रियंका (Media Desk)
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