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सरपंच संघ का भी हड़ताल का ऐलान : मानदेय, सरपंच निधि और 2 साल का कार्यकाल बढ़ाने की मांग

22/08/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

प्रदेश के कर्मचारियों के साथ ही अब सरपंच संघ ने भी राज्य शासन के खिलाफ आंदोलन करने का शंखनाद कर दिया है। बिलासपुर में हुई बैठक के बाद सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार से ही काम बंद कलम बंद हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। उनकी प्रमुख मांगों में 20 हजार रुपए मानदेय देने, 10 लाख रुपए सरपंच निधि देने के साथ ही कोरोना काल के दो साल के कार्यकाल को आगे बढ़ाने जैसी मांगें शामिल हैं।

राज्य भर के शासकीय कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते आंदोलन के पहले दिन सरकारी दफ्तरों में खासा असर दिखा। रजिस्ट्री ऑफिस, RTO ऑफिस सहित दर्जन भर से अधिकारी दफ्तरों में तालेबंदी की स्थिति रही। वहीं कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में आम लोगों को भटकना पड़ा। इधर, अब सरपंच संघ ने भी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ काम बंद कलम बंद आंदोलन का ऐलान कर दिया है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि बीते 10 अगस्त को राजधानी रायपुर में सांकेतिक धरना-प्रदर्शन कर सरकार से मांगों को पूरा करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन, इसके बाद भी शासन ने उनकी मांगों को पूरा करने कोई पहल नहीं किया है।

इस सिलसिले में सोमवार को संभागीय मुख्यालय बिलासपुर में छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की आपातकालीन बैठक हुई। इसमें प्रदेश पदाधिकारियों के सााथ ही जिला और ब्लॉक के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने अपनी मांगों को लेकर चर्चा की और आंदोलन को लेकर रणनीति बनाने सामूहिक प्रयास करने को लेकर चर्चा की। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के सभी 11 हजार 664 सरपंच सदस्यों ने संघ के पदाधिकारियों के निर्णय पर सहमति जताई है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने बताया कि बैठक में प्रदेश के लगभग सभी जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए। सभी ने एक मत से प्रदेश सरकार के खिलाफ कलम बंद काम बंद आंदोलन पर जाने की बात कही है। लिहाजा, सोमवार से ही सरपंच संघ ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। आंदोलन के दौरान राजधानी रायपुर से लेकर सभी जिला मुख्यालयों में सरपंच संघ के पदाधिकारी धरना-प्रदर्शन कर काम बंद कलम बंद हड़ताल करेंगे।

उन्होंने बताया कि सरपंच संघ की 10 सूत्रीय मांगें हैं, जिनमें प्रमुख रूप से सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर 20 हजार रुपए करने, प्रतिवर्ष सरपंच निधि के रूप में 10 लाख रुपए देने, धारा 40 और अविश्वास प्रस्ताव जैसी प्रक्रिया का दुरुपयोग बंद कर जनता के जनप्रतिनिधियों को ही जनता के द्वारा ही हटाने, कोरोना काल में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में काम करने वाले सरपंचों का कार्यकाल दो साल बढ़ाने जैसी मांगें शामिल हैं।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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