दिनांक : 04-May-2024 03:38 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

राज्य के सीमावर्ती गांवों को मलेरिया मुक्त करने की पहल : छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का साझा अभियान

21/07/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव और मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के सीमावर्ती गांवों के लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए एक अभिनव पहल दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर की संयुक्त पहल पर शुरू की जा रही है। 22 जुलाई 2021 को उक्त दोनों जिलों के स्वास्थ्य विभाग के अमलों द्वारा बार्डर क्षेत्र के गांवों में मास स्क्रीनिंग कार्यक्रम के तहत घर-घर सर्वे कर मलेरिया की जांच व उपचार किया जाएगा।
राजनांदगांव कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में इस अभियान को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी जिला राजनांदगांव तथा डॉ. मनोज पाण्डे बालाघाट के मार्गदर्शन में मलेरिया उन्मूलन हेतु राजनांदगांव जिले के विकासखण्ड खैरागढ़ एवं छुईखदान के अंतर्गत मध्यप्रदेश बार्डर क्षेत्र में ग्राम स्तर पर मास स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन 22 जुलाई को होगा। इसको लेकर दोनों जिलों के स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले एवं अतिरिक्त स्टाप बार्डर ईलाके में पहुंचकर आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर चुके है।

कलेक्टर राजनांदगांव ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत सर्वे दल के द्वारा विकासखण्ड खैरागढ़ के 17 ग्रामों तथा छुईखदान के 07 ग्रामों तथा मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र विकासखण्ड लाजी के 03 बिरसा के 11 ग्रामों में मलेरिया मास स्क्रीनिंग कर जनसमुदाय का शत-प्रतिशत रक्त जांच कर मलेरिया सकरात्मक प्रकरण पाये जाने पर उन्हें संपूर्ण उपचार प्रदान किया जाएगा एवं जनसमुदाय को मलेरिया से रोकथाम की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी। सर्वे दल गृह भंेटकर मास स्क्रीनिंग, दीवार लेखन एवं विभिन्न प्रचार-प्रसार की गतिविधियों को अंजाम देगा, जिसके तहत जनसमुदाय को मलेरिया से बचने के उपाय बताये जाएंगे।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।