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वृक्षारोपण : छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में कृष्ण जन्माष्टमी को ‘कृष्ण कुंज’ का लोकार्पण

09/08/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर ‘कृष्ण कुंज’ विकसित करने के लिए कृष्ण जन्माष्टमी को एक साथ ‘कृष्ण कुंज’ का लोकार्पण किया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के नगरीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर ‘कृष्ण कुंज’ विकसित करने के संबंध में घोषणा की गई है।

इस तारतम्य में राज्य सरकार द्वारा समस्त कलेक्टर तथा वनमंडलाधिकारी को पत्र भेजकर नगरीय निकायों में माह अगस्त में ‘कृष्ण कुंज’ के लोकार्पण के लिए सभी आवश्यक तैयारियों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इसमें यह भी निर्देशित किया गया है कि ‘कृष्ण कुंज’ की स्थापना हेतु स्वीकृति सहित आवश्यक कार्यवाही माह अगस्त के प्रथम सप्ताह तक हर हालत में पूर्ण कर ली जाए।

पत्र में अवगत कराया गया है कि राज्य में एकरूपता प्रदर्शित करने हेतु ‘कृष्ण कुंज’ को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख कार्यालय द्वारा लोगों एवं गेट का डिजाईन पृथक से भेजा जाएगा। इनमें फैंसिंग सहित बजट उपलब्धता के आधार पर स्थानीय संस्कृति को बाउंड्रीवाल में प्रदर्शित करने के लिए भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा ‘कृष्ण कुंज’ को विकसित करने के संबंध में घोषणा की गई है कि हमारे देश में बरगद, पीपल, कदंब तथा अन्य वृक्षों की पूजा करने की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। मनुष्य के लिए वृक्षों की अत्यधिक उपयोगिता होने के कारण ही हमारी पंरपराओं में इन्हें महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, परंतु विगत वर्षों में नगरीय क्षेत्रों का तीव्र विकास होने के कारण वृक्षों की हो रही अंधाधुंध कटाई से वृक्षों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है।

अगर यही स्थिति जारी रही तो कदाचित भावी पीढ़ियों को इन वृक्षों के परंपरागत महत्व के बारे में जानकारी तक नहीं हो सकेगी। इसलिए वृक्षों की अमूल्य विरासत का संरक्षण हम सबका परम कर्तव्य है। यह अत्यंत आवश्यक है कि मनुष्य के लिए जितने भी जीवनपयोगी वृक्ष हैं, उन्हें सभी नगरीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लगाया एवं संरक्षित किया जाए।

छत्तीसगढ़ के समस्त नगरीय निकायों में न्यूनतम एक एकड़ की भूमि में सांस्कृतिक महत्व के जीवन उपयोगी वृक्षों का रोपण करते हुए ‘कृष्ण कुंज’ विकसित किया जाएगा। इनमें आम, ईमली, गंगा ईमली, जामुन, बेर, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू, चार, अनार, गूलर कैथा, कदम्ब, पीपल, नीम, बरगद, बबूल, पलाश अमरूद, सीताफल, बेल तथा आंवला प्रजाति के पौधे को रोपण हेतु शामिल किया गया है।

यह भी निर्देशित किया गया है कि समस्त पौधे चयनित रोपण क्षेत्रों पर पहुंच जानी चाहिए और रोपण कार्य वर्षा के आधार पर शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कर लिया जाए। साथ ही ‘कृष्ण कुंज’ हेतु वन विभाग को आबंटित भूमि को विकसित कर समस्त कार्यवाही तत्काल पूर्ण कर ली जाए ताकि आगामी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूरे राज्य में अनिवार्य रूप से ‘कृष्ण कुंज’ में वृक्षों का रोपण कार्य विधिवत प्रारंभ किया जा सके।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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