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पाटन की धरती ने अरसे बाद ग्रामीण खेलों के रंग देखे। छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय ग्रामीण खेलों का आज समापन हुआ। समापन कार्यक्रम में अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। प्रतियोगिता में प्रदेश भर से 800 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संखली, पिट्ठुल जैसे खेल जो कभी उत्साह से खेले जाते थे और लगभग विस्मृत कर दिए गए थे उनको पुनः खेला जाते देखकर और इसके उत्साह और उमंग को देखकर दर्शक काफी उत्साहित हुए। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में जुटे दर्शक खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते रहे। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आये राजेश साहू ने बताया कि यहाँ प्रतियोगिता में भाग लेकर बड़ी खुशी हुई। खोखो जैसे खेल बचपन में खूब खेलते थे लेकिन अब इनकी जगह दूसरे खेल आ गए। हमारे पारंपरिक खेलों का जादू आज हमने महसूस किया। पुरई से आये प्रतिभागियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन खेलों को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय कार्य कर रही है।
हमारे पाटन में भी इस तरह का आयोजन हो सकता है यह देखकर हम सबको गहरी खुशी हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री आशीष वर्मा एवं संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्रीमती श्वेता सिन्हा भी उपस्थित रहीं। अतिथियों ने विजेता खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई की। खिलाड़ियों ने कहा कि परंपरागत छत्तीसगढ़ी खेलों में बहुत आनंद आया। हम अपने गांव और शहर में लौटकर इनके बारे में सभी को जानकारी देंगे। उल्लेखनीय है कि आयोजन में तुवे लंगरची, पुधव पुक जैसे खेल खेले गए जो विस्मृत हो रहे थे। इन खेलों को भी इस आयोजन से संजीवनी मिली है।
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- प्रियंका (Media Desk)
- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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