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मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपने संबोधन की शुरुआत की, कका अभी जिंदा है कहकर अपनी बात की आरम्भ

04/08/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Bhilai, Chhattisgarh    

युवाओं से भेंट-मुलाकात, दुर्ग
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपने संबोधन की शुरुआत की। कका अभी जिंदा है कहकर अपनी बात की आरम्भ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 4 मई से हमने भेंट मुलाकात कार्यक्रम आरम्भ किया। सबसे भेंट की। समाज प्रमुखों से मिले। उस समय मन में आया कि युवाओं के साथ पृथक से संवाद हुआ।

मुख्यमंत्री ने पूछा कि किन युवाओं ने रायपुर और बिलासपुर का प्रोग्राम यूट्यूब से देखा।युवाओं ने आवाज लगाई हमने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ युवाओं ने अपनी आकांक्षा बताई। उनका जो सपना है। वही हमारे पुरखों का भी सपना था। सरकार का भी यही सपना है। पौने 2 लाख करोड़ रुपये पैसा डालने का काम हमारी सरकार ने किया। इससे मंदी नहीं आई। यूनिवर्सिटी खोले, 4 मेडिकल कॉलेज खोले।

जहां -जहां भेंट मुलाकात के लिए गए, दो मांग आती है स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल दें और बैंक खोल दें। इतने साल हो गए इंग्लिश माध्यम के कॉलेज नहीं थे। हमने 10 कॉलेज खोले। आगे भी खोलेंगे।

अब छत्तीसगढ़ की पहचान हमारी विशिष्ट संस्कृति से है। चाहे आदिवासी परम्परा हो, राम वन पथ गमन हो, कबीर सरोवर हो या बाबा घासीदास के पुण्यस्थलों से जुड़े स्थलों का विकास।

1 मई को जब हम बोरे बासी खाये तो सभी ने खाया।

अब शिक्षा और संस्कृति से सम्पन्न भविष्य नई पीढ़ी का होगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि पिछले साल 4 मई से हमने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत की।

शहर और गांव क्षेत्र में सभी वर्गों के लोगों से मुलाकात की।

उस समय से ही मन में था कि युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात करना है।

इस क्रम में पहले रायपुर फिर बिलासपुर में भेंट-मुलाकात किए और आज दुर्ग संभाग में भेंट-मुलाकत कर रहे हैं।

अभी कुछ युवाओं ने मंच में आकर विभिन्न प्रस्तुतियां दी।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।