दिनांक : 02-May-2024 10:32 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

राज्यपाल ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से हुईं शामिल

05/07/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

दीक्षांत समारोह अपने आप में एक अविस्मरणीय क्षण होता है, विशेषकर विद्यार्थियों के लिए यह अति प्रसन्नता का क्षण होता है, क्योंकि इस दिन उन्हें अपने किए गए कठोर परिश्रम का प्रतिफल प्राप्त होता है। दीक्षांत समारोह के अवसर पर विद्यार्थियों को उपाधियों के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण की भी दीक्षा दी जाती है। मुझे विश्वास है कि ये विद्यार्थी, नए एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही।

वे आज ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बतौर वर्चुअल रूप से संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रांज मेडल तथा प्रणा पत्र तथा डिग्री वितरित किये गए। राज्यपाल सुश्री उइके ने उपाधि और मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह एक शिक्षण संस्थान के कैलेंडर में एक विशेष दिन है। यह सीखने के एक चरण की परिणीति का प्रतीक है और इस बात से संतुष्ट होने का भी कि विद्यार्थी अब दुनिया का सामना पूरी योग्यता और क्षमता से करने को तत्पर हैं। राज्यपाल ने ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ को उनके उपलब्धियों तथा ऑनलाईन दीक्षांत समारोह के लिए शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों ने ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के बजाय वास्तविक दीक्षांत समारोह को प्राथमिकता दी होती, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह न्यू नार्मल हो गया है। इस ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के आयोजन में ओ.पी. जिंदल विश्व विद्यालय के प्रयासों की मैं सराहना करती हूं।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों के अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन आपके माता-पिता के लिए भी आनंद का दिन है, जिन्होंने आपको शिक्षित करने में काफी मेहनत की है। निश्चित तौर पर कई मामलों में आपके माता-पिता ने आपकी समुचित शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी व्यक्तिगत खुशियों का भी त्याग किया होगा, जिससे आपका भविष्य बेहतर बन सके। इसलिए यह दिन जितना आपका है, समान रूप से उतना ही आपके माता-पिता का भी है।

उन्होंने कहा कि भारत को युवाओं का देश कहा जाता है और अनुमान है कि 2030 तक दुनिया के सर्वाधिक युवा हमारे देश में होंगे। इस तरह की स्थिति, एक बड़ी मात्रा में परिवर्तन की आवश्यकता की मांग करती है और निकट भविष्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तन अनिवार्यतः होगा। हमें ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, जो सकारात्मक तरीकों पर आधारित शिक्षण हो, जो आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित कर सके। उच्च शिक्षण संस्थानों के पाठ्यचर्चा योजनाकारों को इस तरह के पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए, जो अधिक प्रासंगिक और रोजगारोन्मुखी रहे।

इस अवसर पर आई.आई.टी. भुवनेश्वर के निदेशक श्री आर.व्ही. राजा कुमार, श्री नवीन जिंदल, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ला, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री प्रवीण पुरंग उपस्थित थे।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।