दिनांक : 03-May-2024 05:24 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

रायपुर : चरवाहे मोहित ने गोबर बेचकर जमीन खरीदने का सपना किया पूरा

13/02/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

कुछ सालों पहले शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि गोबर भी किसी का जीवन बदल सकता है। लेकिन छत्तीगढ़ में गोधन न्याय योजना के लागू होते ही कई लोगों के जीवन में सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यहां गौठान समितियां आर्थिक रूप से सशक्त तो बन ही रही हैं, बल्कि आम ग्रामीणों और गोधन की सेवा से जुड़े चरवाहों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आया है। गोबर से कण्डे बनाने तक सीमित रहने वाले चरवाहों के भाग्य भी इस योजना से खुलने लगे हैं। धमतरी जिले के ग्राम पोटियाडीह के 61 वर्षीय चरवाहे मोहित ने गोबर बेचकर जमा की राशि से अपने जमीन खरीदने के सपने को पूरा कर लिया।

श्री मोहितराम यादव ने बताया कि लगभग ढाई साल पहले तक वह गोबर से कण्डे बनाकर उसका उपयोग घरेलू ईंधन के तौर पर करते थे। बचे हुए कण्डों को वे औने-पौने दाम में बेच दिया करते थे। गोधन न्याय योजना के लागू होने से प्रतिदिन गोबर बेचकर उन्होंने एक लाख से अधिक की राशि अर्जित कर ली। जब से गोधन न्याय योजना आई है तब से उनका भाग्य चमक उठा है। उन्होंने उत्साहित होकर ठेठ बोली में कहा कि- हमर सरकार हमरे मन असन रोजी-मजदूरी करके गुजारा करने वाला मन बर ए योजना ल बनाय हवै..। कभू नई सोंचे रेहेन कि गउठान म गोबर बेच के हमर जिनगी संवर जाही…!‘

श्री यादव ने बताया कि पोटियाडीह में गौठान बनने के बाद से वह रोजाना औसतन 50 किलोग्राम गोबर बेचा करते हैं, जिससे उनकी चरवाहे के काम के अतिरिक्त 100 रूपए प्रतिदिन की कमाई हो जाती है। अब तक उन्होंने 550 क्विंटल गोबर बेचकर एक लाख 10 हजार रूपए की आय अर्जित की है। उन्होंने ने बताया कि बड़े बेटे की शादी के बाद उन्होंने घर बनाने की सोचा। उन्होंने जमा पूंजी से गांव में ही 14 डिसमिल प्लॉट खरीदने का सौदा कर लिया, लेकिन रजिस्ट्री के लिए एक लाख से अधिक राशि लगने का पता चला तो उनकी चिंता बढ़ गयी।

फिर उनकी पत्नी द्रौपती ने शासन से गोबर बेचने से मिली राशि की याद दिलाई। फिर क्या था, जमा राशि को निकालकर श्री यादव ने जमीन की तत्काल रजिस्ट्री करा ली। जमीन खरीद कर श्री यादव और उनका परिवार बेहद खुश हैं। श्रीमती द्रौपती ने बताया कि वह गौठान समिति की सक्रिय सदस्य हैं। उनके घर में 8 गाय-भैंस, 26 बकरे-बकरियां और लगभग 32 मुर्गे-मुर्गियां हैं। कल तक मुश्किल से जीवनयापन करने वाले  यादव परिवार के जीवन में गोधन न्याय योजना ने खुशियों के नये रंग भरे हैं इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार जताया है।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।