गरियाबंद. आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सली पीड़ित परिवार को पुर्नवास नीति के तहत शासन की योजना का लाभ दिये जाने के संबंध में आज कलेक्टर श्री निलेशकुमाीर क्षीरसागर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, डीएफओ श्री मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री जे.आर चौरसिया एवं समिति के सदस्य मौजूद थे।
बैठक में आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सली पीड़ित परिवार के पुर्नवास नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्र में आवास, स्वरोजगार हेतु ऋण, कृषि योग्य भूमि, शहरी क्षेत्र में आवास, स्वरोजगार हेतु नजूल पट्टा, छात्रवृत्ति, नौकरी, यात्री किराये में छूट, महिला एवं बाल विकास योजनाओं का लाभ देने एवं पीड़ित परिवार में योग्यता रखने पर चतुर्थ क्षेणी या तृतीय क्षेणी के पद पर नियुक्ति प्रदान करना, प्रदेश के अन्दर संचालित बसों में यात्रा किराये की राशि में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान करना, पीड़ित परिवार के पुत्र-पुत्री 18 वर्ष की आयु तक उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान किया जाना एवं
आवासीय स्कूलों में 12वीं तक प्राथमिकता के आधार पर निःशुक्ल शिक्षा तथा छात्रावास उपलब्ध कराना, खेती के लिए जमीन उपलब्ध कराना, राशन कार्ड उपलब्ध कराना,15. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बिमा योजना के अन्तर्गत प्राप्त सुविधाओं की पात्र होगी, आर्थिक सहायता/आर्थिक अनुग्रह राशि प्रदाय करने बाबत समीक्षा की गई।
पीड़ित परिवारों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में मिलेगा दाखिला-कलेक्टर
कलेक्टर ने आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सली पीड़ित परिवारों की सूची तत्काल प्रेषित करने कहा है। उन्होंने विभिन्न विभागों को योजना का लाभ दिलाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्टर ने कहा कि पीड़ित परिवारो के बच्चों को आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में प्रवेश दिया जायेगा। उन्होंने एक माह के भीतर लंबित प्रकरणों के समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिये है। पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने बताया कि ऐसे परिवारों के लिए जिले में एक भवन बनाने की आवश्यकता है।
जिसे जरूरत पड़ने पर उपयोग में लाया जा सके। श्री पटेल में कहा कि ऐसे परिवारो के लिए पुलिस प्रशासन सहयोग के लिए तत्पर है। आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सली पीड़ित परिवारों के सदस्य शासकीय सेवा में नियुक्ति /अभ्यावेदन/मांग/ बाबत 8 आवेदन प्राप्त हुए है। आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सली पीड़ित व्यक्तियों (परिवार) को शासन के गये अनुग्रह राशि/सहायता राशि प्रदाय करने के लिए तीन परिवारों को पांच-पांच लाख रूपये दिये जायेंगे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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