दिनांक : 17-May-2024 09:56 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

कोविड-19 टीकाकरण: गरियाबंद जिले में अब तक कुल 1796 फ्रंटवर्कर को कोविशिल्ड का टीका लगा

30/01/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

कोविड-19 टीकाकरण कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री निलेशकुमार क्षीरसागर एवं जिला पंचायत सीईओ श्री चंद्रकांत वर्मा, श्रीमती ऋषा ठाकुर नोडल अधिकारी (कोविड 19 टीकाकरण) के निर्देशन में 16 जनवरी 2021 से अब तक विभिन्न सत्रों जिला चिकित्सालय , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-फिंगेश्वर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनुपर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-देवभोग में कोविड प्रोटोकॉल दो गज दूरी, हाथ साबुन से धोना तथा मास्क पहनना का पालन करते हुए संचालित किया जा रहा है। जिले में अब तक कुल 1796 हितग्राहियों को कोविशिल्ड की वैक्सीन से टीकाकृत किया जा चुका है, व शेष 4650 हितग्राहियों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।

जिले में संचलित सत्रों जिला चिकित्सालय गरियाबंद मे- 507 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फिंगेश्वर में -469  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजिम में-224, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर में-284, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुरा में-197 व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवभोग में-115 हितग्राहियों (हेल्थ स्टॉफ, मितानिन, आंगनबाडी कार्यकर्ता, निजी अस्पताल, आयुर्वेद स्टॉफ व नर्सिंग कॉलेज छात्र/छात्रांए) को टीकाकृत किया जा चुका है।

टीकाकरण के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील किया गया है कि कोविड 19 की वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, वैक्सीन लगाने उपरांत मामूली फिवर, जी-मिचलाना, चक्कर आना जैसे लक्षण पाए गए है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, सभी हितग्राही जिसका नाम कोविन पोर्टल पर पंजीकृत है, संबंधित टीकाकरण स्थल में जाकर टीका अवश्य लगाएं व वैक्सीन की दूसरी डोज अवश्य लें। कोविड 19 टीका लगाने के उपरांत भी दो गज दूरी, हाथ साबुन से धोना तथा मास्क पहनना का पालन अवश्य करें।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।