
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 14 जवान शहीद हो गए हैं, हालांकि 20 जवानों के शहीद होने की अपुष्ट खबर आ रही है। वहीं इस मुठभेड़ में 30 से ज्यादा घायल हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि करीब 21 से ज्यादा जवान लापता हैं। उनकी तलाश के लिए सुबह करीब 6 बजे बैकअप फोर्स को रवाना किया गया है। मुठभेड़ में 9 नक्सलियों के भी मारे जाने का दावा किया जा रहा है। इसमें एक महिला नक्सली का शव बरामद कर लिया गया है।
तर्रेम क्षेत्र के सिलगेर के जंगल में जोनागुड़ा के पास नक्सलियों ने CRPF की कोबरा, CRPF बस्तरिया बटालियन, DRG और STF के जवानों को शनिवार दोपहर 12 बजे के करीब जोनागुड़ा के पास एक बड़े एंबुश में फंसा लिया। मुठभेड़ करीब तीन घंटे चली। सूचना मिली थी कि जोनागुड़ा इलाके के पहाड़ियों पर बड़ी संख्या में नक्सलियों ने डेरा जमाया हुआ है। इसके बाद करीब 2000 जवानों को मौके पर सर्चिंग के लिए भेजा गया था।
बस्तर IG पी सुदंरराज ने शहीद जवानों की पुष्टि की है। उनके नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 9 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है, जबकि 15 से ज्यादा घायल हैं। स्थिति स्पष्ट करने में और समय लग सकता है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि घटनास्थल पर 250 से ज्यादा नक्सली हो सकते हैं। इनका मूवमेंट अभी भी बना हुआ है। वहीं कुछ लापता जवानों के परिजन भी सामने आए हैं।
बताया जा रहा है कि जहां मुठभेड़ हुई है वह इलाका झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा का गांव है। हमला करने वाले नक्सली उसी की PLGA टीम के सदस्य थे। काफी लंबे समय से गांव में नक्सलियों का जमावड़ा लग रहा था। इसकी सूचना पर बीजापुर के तर्रेम से 760, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा के मिनपा से 483 और नरसापुरम से 420 जवान रवाना किए गए थे। जवानों की तलाश में चॉपर और UAV को भी भेजा गया है।
करीब एक साल पहले 21 मार्च को नक्सलियों ने ऐसा ही हमला सुकमा में भी किया था। इसमें 17 जवान शहीद हो गए थे। सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में DRG और STF जवान सर्चिंग पर थे। एलमागुंडा के आसपास नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास छिपे नक्सलियों ने चारों ओर से जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी। जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसके बाद नक्सली जंगल के अंदर भाग निकले थे।
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- प्रियंका (Media Desk)
- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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