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बदलता बस्तर : नई तस्वीर : समूह से जुड़ी महिलाएं अब करने लगी है सब्जियों की व्यवसायिक खेती

19/08/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

बस्तर जिले के कांगेर घाटी के गोद में बसा धुरवा बाहुल्य गांव कोलेंग में अब तेजी से विकास की ओर करवट लेने लगा है। यहां की स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अब सब्जियों की व्यावसायिक खेती करने लगी है। संभागीय मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर यह क्षेत्र कांगेर घाटी के बीचों-बीच पहाड़ और वनों से पूरी तरह घिरा हुआ है। आमतौर पर जगदलपुर और नानगुर के व्यापारियों से साप्ताहिक हाट-बाजार में सब्जियों की खरीददारी करने वाली महिलाएं अब खुद सब्जी का उत्पादन व विक्रय करने लगी है। महिलाओं केे इस कदम से ग्रामीणों में भी खुशी है। इस गांव में किराना के साथ अब कपड़ा और मनिहारी की दुकान भी खुल चुकी हैं। व्यावसायिक खेती के साथ ही कपड़ा और मनिहारी का व्यवसाय करने वाली यह सभी महिलाएं स्वसहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं।

मासिक बैठक में अपनी आय व्यय का ब्यौरा देते समय सीतामाता स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती सुखमती नाग ने बताया कि वे इस क्षेत्र की महिला संगठन की भी अध्यक्ष हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में आ रहे बदलाव के संबंध में चर्चा करने पर बताया कि कांगेर घाटी के गोद में बसे इस गांव में भी विकास की किरण तेजी से फैलने लगी है। शासन ने इस क्षेत्र को सड़क से जोड़ने का कार्य किया है। जिससे यहां आवागमन आसान हो गया है। वहीं कोलेंग क्षेत्र में बिजली के आने से भी लोगों के जीवन में रोशनी बिखरने लगी है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के लोगों का जीवन बहुत ही कठिन था और महिलाओ के पास अपनी खेती-बाड़ी मंे खरीफ सीजन में काम करने और वनोपज संग्रहण के अलावा जीवन-यापन का कोई और जरिया नहीं था।

उन्होंने बताया कि वे 2014 में पहली बार महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी, जब नक्सलियों के हाथों मारे गए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि स्व. श्री पाण्डूराम ने स्वयं अपनी ट्रैक्टर में महिलाओं को बिठाकर जगदलपुर ले गए और वहां महिला स्वसहायता समूह के तौर पर पंजीयन करवाया। लाल ईंट के निर्माण से उनके स्वसहायता समूह ने अपने व्यवसायिक गतिविधि की शुरुआत की। यहां वन विभाग के साथ ही निर्माणाधीन सामुदायिक भवन, सुरक्षा कैंप और सल्फीपदर में बन रहे आंगनबाड़ी भवन में स्वसहायता समूह द्वारा बनाई गई ईंटों का उपयोग किया गया। अब इस समूह की महिलाएं समूह से ऋण ले रही हैं और शासन-प्रशासन के सहयोग से सब्जियों का उत्पादन कर रही हैं। वे स्वयं यहां कपड़ा दुकान का संचालन कर रही हैं। इसी समूह की लच्छनदई किराना दुकान और तुलसा आलू-प्याज का व्यवसाय कर रही हैं। इसी समूह में एक और लच्छनदई हैं, जो फैंसी सामान का व्यवसाय कर रही हैं। यहां सब्जी उत्पादक समूह के लिए शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए एक वाहन के जरिए उन्हें अपनी उत्पादित सब्जी दरभा बाजार तक पहुंचाने में मदद मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि कोलेंग में अब कियोस्क के माध्यम से लोगों को बैंकिंग की सुविधा भी मिली है।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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