दिनांक : 24-Apr-2024 08:54 PM
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ग्रामीणों के जीवन में खुशहाली के रंग भर रहा गोबर से बना प्राकृतिक पेंट

ग्रामीणों के जीवन में खुशहाली के रंग भर रहा गोबर से बना प्राकृतिक पेंट

Ambikapur, Chhattisgarh
कोरिया जिले के विकासखण्ड बैकुण्ठपुर का ग्राम गौठान मझगवां में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना के तहत विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।  इनमें से एक है गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण कार्य। प्रगति स्व सहायता समूह की महिलाएं यहां पेंट निर्माण कार्य से जुड़ीं हैं। यह प्राकृतिक पेंट महिलाओं के जीवन में खुशहाली के रंग भर रहा है। फरवरी माह से यहां गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की इकाई संचालित है और महज 4 महीनों के अंदर ही इन्होंने 2350 लीटर पेंट का उत्पादन किया है जिसमें से लगभग 2200 लीटर पेंट का विक्रय कर लगभग 4 लाख 60 हजार रुपए की आमदनी भी की है। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार सभी शासकीय कार्यालयों एवं स्कूलों में रंग रोगन के लिए यह उपयोग में लिया जा रहा है। सफल उद्यमी बनकर उभरी महिलाएं, प्रतिदिन लगभग 200  लीटर पेंट का कर रहीं उत्पादन, गौठान तथा सी मार्ट के माध्यम से किय...
विशेष लेख समूह की महिलाओं के हुनर को अंजाम देने वरदान साबित हो रहा अछोटा का रीपा केन्द्र

विशेष लेख समूह की महिलाओं के हुनर को अंजाम देने वरदान साबित हो रहा अछोटा का रीपा केन्द्र

Chhattisgarh, Raipur
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदी व अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। गौठानों व समूहों को और अधिक सशक्त व समर्थ बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) संचालित किए जा रहे हैं जहां पर समूह की महिलाएं खुद के हुनर को तराशकर आर्थिक स्वावलम्बन की ओर तेजी से अग्रसर हो रही हैं। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत 17 मई को धमतरी विकासखण्ड के ग्राम अछोटा पहुंचे, जहां पर उन्होंने गौठान के समीप स्थापित रीपा केन्द्र का अवलोकन किया और महिला समूहों के द्वारा की जा रही गतिविधियों की प्रशंसा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हाथकरघा प्रशिक्षण इकाई, कपड़ा सिलाई युनिट की प्रशिक्षु महिलाओं से मुलाकात की तथा उनकी कार्यशैली की जानकारी ली। हाथकरघा प्रशिक्षण के प्र...
रायपुर : बिहान दीदीयों के हौसलों के आगे लोहा भी पड़ा नरम

रायपुर : बिहान दीदीयों के हौसलों के आगे लोहा भी पड़ा नरम

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ की महिलाएं अब पुरूषों का व्यवसाय माने जाने वाले कई क्षेत्रों को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। महासमुन्द जिले के विकासखंड बागबाहरा के अंदरूनी गाँव कोमाखान में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित बिहान की दीदीयां लोहे की तार फेंसिंग के निर्माण कार्य से जुड़ी हैं। एकता महिला स्व-सहायता समूह की इन दीदीयों के हौसलों के आगे लोहा भी नरम पड़ गया है। बिहान समूह की दीदीयों ने कुछ माह में ही 169 बण्डल फेंसिंग तार का विक्रय कर एक लाख 90 हजार 365 रूपए की आमदनी अर्जित की है। इनके बनाए फेंसिंग तार की सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में बहुत माँग है। आत्मनिर्भर बनकर ये महिलाएं न सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहीं है, बल्कि दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रही हैं। महिलाएं फेसिंग तार के साथ आचार, पापड़, निरमा, साबुन, फिनाइल का भी निर्माण करती ...
वनांचल में ‘हरिबोल’ महिला समूह की गूंज : औषधि प्रसंस्करण केन्द्र डोंगानाला का सालाना टर्न ओव्हर 25 लाख रूपए तक

वनांचल में ‘हरिबोल’ महिला समूह की गूंज : औषधि प्रसंस्करण केन्द्र डोंगानाला का सालाना टर्न ओव्हर 25 लाख रूपए तक

Chhattisgarh
औषधि प्रसंस्करण केन्द्र डोंगानाला के संचालन से अच्छी आय अर्जित कर रहे ‘हरिबोल’ महिला स्व-सहायता समूह की गूंज वनांचल में होने लगी है। इस केन्द्र से हरिबोल महिला समूह द्वारा हर वर्ष लगभग 7 लाख रूपए की अतिरिक्त आय अर्जित किया जा रहा है। समूह हर वर्ष अर्जित कर रहे 7 लाख रूपए की अतिरिक्त आय डोंगानाला का यह औषधि प्रसंस्करण केन्द्र कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत पाली परिक्षेत्र का एक सक्रिय केन्द्र है। समूह की सचिव सुश्री सरोज पटेल बताती है कि उनके इस प्रसंस्करण केन्द्र में कुल 18 प्रकार की जड़ी-बूटियों का प्रसंस्करण होता है। इसमें मधुमेह नाशक, त्रिफला आमलकी चूर्ण, अश्वगंधादि, शीतोपलादि और पंचसम चूर्ण की मांग सबसे अधिक होती है। अपने सालान टर्न ओव्हर के बारे में सुश्री पटेल बताती है कि अच्छी बाजार खुली तो साल में हम लोग 25 लाख रूपए तक की राशि के दवाईयों का व्यापार कर लेते हैं। यह व्यापार वर्ष 2...
कोरबा : स्वालंबन की राह पर अग्रसर कोरबा जिले की महिलाएं

कोरबा : स्वालंबन की राह पर अग्रसर कोरबा जिले की महिलाएं

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में बिजली उत्पादन के लिए जाने जाने वाले कोरबा जिले को पर्यटन के मानचित्र पर भी अब सशक्त पहचान मिल गई है, परंतु जिले की यह पहचान किसी और के कारण नहीं बल्कि यहां की मातृ शक्ति से है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के नेतृत्व में टीम कोरबा में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ जिले के महिला स्व सहायता समूहों की सदस्यों का भी इसमें बड़ा योगदान है। ग्रामीण हो या शहरी, हर क्षेत्र में जिले की महिलाओं ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। राज्य सरकार ने भी जिले में महिलाओं को मजबूत और अधिकार सम्पन्न बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। महिला स्वास्थ्य या पोषण का मामला हो, रोजगार और आजीविका से जुड़ने की गतिविधियां, खेल-कूद हो या खेती-किसानी और पशुपालन... हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी ने शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों की सफलता तय की है। राज्य सरकार ने नरवा-गरवा-घ...
रायपुर : महिला समूह के हर्बल गुलाल के सुरक्षित और खुशनुमा रंगों से रंगीन होगी होली

रायपुर : महिला समूह के हर्बल गुलाल के सुरक्षित और खुशनुमा रंगों से रंगीन होगी होली

Chhattisgarh
रायपुर. हर साल की तरह इस बार भी होली के त्यौहार को रंगीन बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। होली के खुशनुमा रंग कई बार केमिकल और मिलावट की वजह से एक बुरा अनुभव छोड़ जाते हैं। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में महिला समूहों द्वारा हर्बल गुलाल तैयार कर होली को सुरक्षित और खुशहाल बनाने की तैयारी की जा रही है। इससे महिलाओं के स्वावलंबन की राह खुलने के साथ इकोफ्रेंडली होली से लोग रंगों के साइड इफेक्ट से बचेंगे। रोजगार मूलक गतिविधियों से जुड़कर महिलाओं ने पकड़ी स्वावलंबन की राह हर्बल गुलाल बनाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर द्वारा आदिवासी उप योजना अंतर्गत ग्राम कुलगांव, गढ़पिछवाड़ी, बेवरती, पटौद लुलेगोंदी एवं अन्य ग्राम के स्व-सहायता समूह की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। होली का त्योहार आने वाला है जिसमें लोग रंग गुलाल का उपयोग करते हैं, जो विभिन्न रसायनिक सामग्रियों का उप...