दिनांक : 02-Nov-2024 04:31 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

राज्य में खरीफ फसलों की बुआई शुरू : धान और साग-सब्जी की हो चुकी 26 हजार 190 हेक्टेयर में बुआई

21/06/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

राज्य में मानसून के आते ही खरीफ फसलों की बुआई शुरू हो गई है। कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार किसान बोता धान के अलावा दलहन-तिलहन और साग-सब्जी की बुआई करने लगे हैं। अब तक 26 हजार 190 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जिसमें धान 23,450 हेक्टेयर के अलावा अरहर, मूंगफली तथा साग-सब्जी एवं अन्य अनाज की फसलों की बुआई शामिल है।

राज्य में खरीफ सीजन 2022 में 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बुआई का लक्ष्य है, जिसमें 36 लाख 60 हजार 500 हेक्टेयर में धान, 3 लाख 14 हजार हेक्टेयर में मक्का, एक लाख 6 हजार हेक्टेयर में कोटो-कुटकी, 40 हजार हेक्टेयर में रागी की बुआई का लक्ष्य है। इसी तरह दलहन फसलों के अंतर्गत अरहर की एक लाख 70 हजार, मूंग की 33 हजार, उड़द की 2 लाख 10 हजार तथा कुल्थी की 35 हजार हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य रखा गया है। तिलहन फसलों के अंतर्गत मूंगफली, तिल, सोयाबिन, रामतिल, सूरजमुखी अरण्डी की बुआई 2 लाख 67 हजार 700 हेक्टेयर में किए जाने का लक्ष्य साग-सब्जी और अन्य फसलों की बुआई 2 लाख 83 हजार हेक्टेयर में किए जाने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 2700 हेक्टेयर में बोनी पूरी कर ली गई है।

खरीफ सीजन 2022 के लिए खाद एवं बीज की किसानों को आपूर्ति की व्यवस्था सहकारी समितियों के माध्यम से की गई है। खरीफ की विभिन्न फसलों के बीज की कुल मांग 10.05 लाख क्विंटल के विरूद्ध अब तक 5.68 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण तथा 2.62 लाख क्विंटल बीज का उठाव किसानों द्वारा कर लिया गया है, जो भण्डारण का 46 प्रतिशत है। खरीफ में 13 लाख 70 हजार मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक के वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 9.13 लाख मेट्रिक टन खाद का भण्डारण सहकारी तथा निजी क्षेत्रों में करने के साथ ही 4.98 लाख मेट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।