छत्तीसगढ़ में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित अति विशिष्टजनों और लोक कलाकार ने बोरे-बासी तिहार में शामिल होकर श्रमिकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। संस्कृति विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर राजधानी रायपुर के गढ़कलेवा में बोरे-बासी तिहार का आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल और विशेषकर श्रमिक परिवारों में बोरे-बासी अत्यंत लोकप्रिय है। यह परंपरागत रूप से छत्तीसगढ़ अंचल में सभी के घरों में खाया जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस पर श्रमिकों के सम्मान में बोरे-बासी तिहार का आयोजित करने की अपील की गई थी। इसी कड़ी में गढ़कलेवा में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित श्री मदन सिंह चौहान, श्री भारती बन्धु, कला अकादमी के अध्यक्ष श्री योगेन्द्र त्रिपाठी, आदिवासी लोक कला अकादमी के अध्यक्ष श्री नवल शुक्ल, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य तथा अन्य कलाकार ने बोरे-बासी खाकर श्रमिकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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