मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार के आगामी 17 दिसंबर को तीन साल पूरे हो रहे हैं। इन तीन वर्षों में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू कर और संस्कृति की समृद्धि की दिशा में नई पहल कर राज्य सरकार ने एक नया छत्तीसगढ़ मॉडल देश-दुनिया के सामने रखा है। इससे छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की नई अलख जगाई है।
ऐसे मौके पर 14 दिसबंर 2021 को ‘रन फॉर सीजी प्राइड’ (दौड़ स्वाभिमान और गर्व की) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूरा छत्तीसगढ़ स्वाभिमान की दौड़ लगाएगा।
dइस ‘रन फॉर सीजी प्राइड’ (दौड़ स्वाभिमान और गर्व की) को सुबह 6.30 बजे पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल रायपुर के गांधी उद्यान से हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ करेंगे। भगत सिंह चौक से शुरू होकर यह दौड़ दो अलग-अलग मार्गों से गुजरकर पुनः अपने प्रारंभिक स्थल भगत सिंह चौक पर लौटेगी।
दौड़ को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा गया है, इसमें एक 5 किलोमीटर की दौड़ महिला-पुरुष श्रेणी में होगी। इसमें 14 वर्ष से 60 वर्ष तक के आयु वर्ग के लोग शामिल होंगे। इस वर्ग के प्रतिभागियों के लिए जयस्तंभ चौक, कोतवाली चौक, पी.डब्लू.डी. चौक (मजार चौक), इनकम टैक्स कॉलोनी तिराहा और शहीद भगत सिंह चौक को चेक पॉइंट बनाया गया है। जिसमें प्रथम पुरस्कार 21 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार 11 हजार रुपए व चतुर्थ से दसवें स्थान तक 21 सौ रुपए पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
वहीं वरिष्ठ नागरिक व 14 साल से कम उम्र के बच्चों की एक श्रेणी रखी गई है। इस वर्ग में 14 वर्ष से कम तथा 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग हिस्सा ले सकेंगे। इनके लिए कलेक्टर चौक, राजभवन चौक के आगे सी.जी. आर.आर.डी.ए., इनकम टैक्स कॉलोनी तिराहा और शहीद भगत सिंह चौक को चेक पॉइंट बनाया गया है। जिसमें प्रथम पुरस्कार 11 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार सात हजार रुपए एवं तृतीय पुरस्कार पांच हजार रुपए प्रदान किया जाएगा। इस तरह इन दोनों वर्गों के प्रतिभागियों को अलग-अलग दूरी तय करनी होंगी। इसके साथ ही फोटोग्राफी, स्लोगन, रील प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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