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बिलासपुर : गोबर से गौठानों में बरस रहा धन

13/08/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन से बिलासपुर शहरी क्षेत्र के गौठानों में धन बरस रहा है। योजना के तहत 31 जुलाई तक लगभग 26 लाख रूपए का गोबर क्रय किया गया था। जिससे लगभग 34 लाख रूपए मूल्य की वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट खाद के साथ-साथ गौकाष्ठ व अन्य उत्पाद तैयार किये गये हैं। अब तक 19 लाख 35 हजार रूपये से अधिक के उत्पादों की बिक्री हो चुकी है तथा लगभग 15 लाख के उत्पाद तैयार होने की प्रकिया में है।

गोधन न्याय योजना के तहत् लगभग 26 लाख का गोबर क्रय करके बनाया गया 34 लाख रूपए से अधिक का उत्पाद

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के चार गौठानों में पशुपालकों से 31 जुलाई 2021 तक 13 हजार 620 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई। जिसका शत् प्रतिशत उपयोग वर्मी व सुपर कम्पोस्ट खाद उत्पादन के साथ-साथ गौकाष्ठ और अन्य सामग्री बनाने में किया गया है।

इस योजना का संचालन शहर के मोपका, तिफरा, सकरी और सिरगिट्टी क्षेत्र में नरवा, गरवा, घुरवा योजना के तहत बनाये गये गौठानों में किया जा रहा है। इन गौठानों में खरीदे गये गोबर में 4412 क्विंटल का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट, 5414 क्विंटल का उपयोग सुपर कम्पोस्ट उत्पादन और 3794 क्विंटल गोबर का उपयोग गौकाष्ठ बनाने में किया गया है। गौठानों में उत्पादित 732 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद में से 7 लाख से अधिक मूल्य के 703 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। इसी तरह 1,107 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया गया। जिसमें से 5 लाख 14 हजार रूपए मूल्य के 856 क्विंटल खाद की बिक्री हो चुकी है।

गौठान में गोबर से गौकाष्ठ उत्पादन कर 6 लाख 62 हजार रूपए मूल्य के गौकाष्ठ बेचे जा चुके है। इसका उपयोग शमशान घाट में शवों को जलाने के लिए लकड़ी की जगह पर किया जा रहा है।

नगर निगम के उपायुक्त श्री राकेश जायसवाल ने बताया कि कोविड काल में संक्रमित शवों को जलाने के लिए नगर निगम द्वारा गौकाष्ठ का ही उपयोग किया गया। घरों में भी लोग खाना पकाने के लिए इसका उपयोग करते है। यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित है साथ ही यह लकड़ी का सस्ता एवं श्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने बताया कि ठंड के दिनों में गोबर से गौकाष्ठ बनाया जाता है। इसके लिए चारो गौठानों में मशीन भी नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई है।

गोबर उत्पाद के विक्रय से गौठानों में कार्य करने वाले स्व सहायता समूहों को प्राप्त 5 लाख रूपए लाभांश की राशि उनके खातें में जमा है। शहर के चार गौठानों में 16 महिला स्व सहायता समूह कार्यरत है। जिनसे जुड़ी 160 महिलाओं के लिए गोधन न्याय योजना रोजगार का उत्तम जरिया बन चुकी है।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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