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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव: ’दूसरे दिन का आगाज, उत्तराखंड की झींझीहन्ना लोकनृत्य के साथ’

29/10/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India, Tribal Area News and Welfare    

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आज दूसरे दिन सुबह 9 बजें से पारम्परिक त्यौहार, अनुष्ठान, फसल कटाई एवं अन्य पारम्परिक विधाओं पर आधारित लोकनृत्य प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। इस श्रेणी के प्रतियोगिता की शुरुआत उत्तराखंड के झींझीहन्ना लोक नृत्य के साथ हुआ। यह पारंपरिक नृत्य थारू समुदाय के लोगों द्वारा किया जाता है। नई फसल आ जाने के उपलक्ष्य में क्वांर-भादो के महीने में गांव के प्रत्येक घर-घर जाकर महिलाओं द्वारा यह नृत्य किया जाता है।

झींझी नृत्य में घडे सिर पर रख कर प्रत्येक घर से आटे व चावल का दान लेते हुए और सभी घरों में झींझी खेलने के बाद उस आटे व चावल को इकट्ठा कर झींझी को एक दैवीय रूप मानकर उसे सभी महिलायें विसर्जन करने के लिए नदी में जाती है और उसे विसर्जन कर उस आटे व चावल का पकवान बना कर सभी लोग खाते हैं। उसी तरह हन्ना नृत्य भी थारू समाज के पुरुषों द्वारा किया जाता है जिसमें पुरुष वर्ग प्रत्येक घर जाकर आटे व चावल का दान लिया करते हैं। इस त्यौहार को भी क्वांर -भादों में एक व्यक्ति हन्ना बनकर गीतों के माध्यम अनुसार नृत्य करता है। हन्ना का संबंध देखा जाये तो मारिच से है। उत्तराखंड टीम द्वारा दोनों को मिलाकर सामूहिक प्रस्तुति दी गयी। उसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिभागियों द्वारा करमा नृत्य की प्रस्तुति दी गई।

गौरतलब है कि करमा नृत्य भादों माह में एकादशी तिथि के दिन राजा करम सेन की याद में कर्मा नाच के माध्यम से कलमी (करम डाल के पेड़) के पूजा करके आंगन में उस डाली को स्थापित करते हुए करते हैं और उसमें प्राकृतिक देवता को स्थापित करते हुए पूजा अर्चना करते है और रात भर करमा नाच करते हुए अप्रत्यक्ष रूप में देवी-देवता की नृत्य के माध्यम से स्तुति करते हैं। इस नृत्य के माध्यम से पर्यावरण को बचाये रखने का संदेश देते है, ताकि हमारा पर्यावरण यथावत बना रहे। नृत्य के माध्यम से नृत्य दल भावभंगिमा, वेशभूषा, नृत्य की कला को प्रदर्शित करते हुए अत्यंत मनोरम, रमणीय प्रस्तुति देते है। इस श्रेणी में  तेलांगाना द्वारा गुसाड़ी डिम्सा, झारखंड द्वारा उरांव, राजस्थान गैर घुमरा, जम्मू कश्मीर द्वारा धमाली एवं छत्तीसगढ़ द्वारा गौर सिंग नृत्य की प्रस्तुति की गई।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।