दिनांक : 25-Apr-2024 01:35 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

व्यक्ति विशेष: बिलासा बाई केंवटीन जयंती, जिनके नाम पर पूरा शहर बसा है

16/01/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Bilaspur, Chhattisgarh    

बिलासा केंवटिन… यह वह नाम है, जिसने बिलासपुर को पहचान दी और अपना नाम भी दिया। बिलासा केंवटिन और बिलासपुर का इतिहास 400 वर्ष पुराना है। बिलासा की धरा पर कभी अरपा कल-कल छल-छल करती हुई बहती है जिसके आंचल में बिलासपुर खूब फला फूला। बिलासा की इस नगरी को न्यायधानी के रूप में भी पहचान मिली। प्रदेश के साथ ही बिलासपुर में बिलासा एक देवी के रूप में देखी जाती है। उनके ही नाम पर बिलासपुर शहर का नामकरण हुआ।

आज उस वीरांगना की जयंती हैं, जिस वीरांगना ने लगभग 16-वी 17-वी शताब्दी में अन्य आक्रमणकारियों द्वारा जब रतनपुर के “आदिवासी गोंड राजा कल्याण साय” को मारने का षड्यंत्र रचा जा रहा था तब रतनपुर के अंतर्गत आने वाले शहर (वर्तमान-बिलासपुर) में एक मछुआरे परिवार से आने वाली वीरांगना बिलासा बाई केंवटीन द्वारा राजा को साहसपूर्वक यह सुचना दिया जाता है कि राजा साहब आपको खत्म करने के लिए एक षड्यंत्र रचा जा रहा है, तत्पश्चात् राजा ने सावधानी बरतते हुए अपना शासन चलाया।

बाद में बिलासा बाई केंवटीन को वीरांगना का दर्जा देने के साथ ही अपने राजधानी से लगे हुए एक छोटे शहर का नाम बिलासा बाई केवंटीन के नाम पर “बिलासपुर” किया और बिलासा बाई केंवटीन के पिता को राजा कल्याण साय ने अपने सैन्य में सैनिक के रूप में नियुक्त किया। आज उस साहसी वीरांगना बिलासा बाई केंवटीन की जयंती पर शत्-शत् नमन् जोहार।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।