दिनांक : 16-Apr-2024 08:46 AM
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रायपुर : भारत पर्व में दिख रही छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति व पर्यटन स्थलों की झलक

रायपुर : भारत पर्व में दिख रही छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति व पर्यटन स्थलों की झलक

Chhattisgarh, India, Tourism
देश की संस्कृति व पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा लाल किला प्रागंण में 26 जनवरी से छह दिवसीय कार्यक्रम श्श्भारत पर्वश्श् का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ की संस्कृति, कला और खानपान से रूबरू होने का मौका लोगों को मिल रहा है। लाल किले के प्रागंण में 31 जनवरी तक चलने वाले कार्यक्रम के दौरान दर्शकों को गणतंत्र दिवस परेड की सर्वश्रेष्ठ झाकियां भी देखने को मिल रही है। पर्व में विभिन्न राज्यों के व्यंजन से लेकर भारत की संस्कृति व कला की झलक देखने को मिल रही है। छत्तीसगढ़ द्वारा भी भारत पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। प्रदेश की कला और संस्कृति के साथ ही स्टालों के माध्यम से राज्य के पर्यटन स्थलों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। यहां बने गढ़ कलेवा में स्थानीय व्यंजन की खुशबू भी बिखर रही है। भारत पर्व में आने वा...
गणतंत्र दिवस 2023 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओ को बेरोजगारी भत्ता समेत जन कल्याण हेतु कई बड़ी घोषणाएं की

गणतंत्र दिवस 2023 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओ को बेरोजगारी भत्ता समेत जन कल्याण हेतु कई बड़ी घोषणाएं की

Career, Chhattisgarh, India
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे संविधान में लिखी इबारतों को बहुत ही साफ मन और न्याय के अटूट इरादे से समझा जा सकता है। विरासत में हमें न्याय के लिए जो अडिग साहस मिला है, उसी को हमने अपनी सरकार का मूलमंत्र बनाया है। सबसे कमजोर तबकों को सबसे पहले और सबसे ज्यादा तवज्जो देकर न्याय दिलाना हमने अपना प्रथम कर्तव्य माना है। जिसके कारण हम बिना किसी संशय के विगत चार वर्षाें में छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा पूरी लगन से कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज 74वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रदेश की जनता को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आगामी वित्तीय वर्ष से बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग और प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के पर्वों के उत्तम आयोजन के लिये मुख्यमंत्री आदिवासी पर्व सम्मान निधि के तहत ...
महाप्रभु वल्लभाचार्य जी की जन्मस्थली चंपारण जो वैष्णव समुदाय के आस्था का  प्रमुख केंद्र है

महाप्रभु वल्लभाचार्य जी की जन्मस्थली चंपारण जो वैष्णव समुदाय के आस्था का प्रमुख केंद्र है

Chhattisgarh, Tourism
राजधानी रायपुर से लगभग 50 किमी दूर राजिम शहर से 15 किमी की दूरी मे चम्पारण नामक स्थान है। यहाँ पर वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक महाप्रभु वल्लभाचार्य जी का जन्म हुआ था। श्री महाप्रभुजी पुष्टिमार्ग के सर्जक हैं। उनका जन्म 1478 ई. में छत्तीसगढ़ (भारत) की राजधानी रायपुर के पास चंपारण्य गाँव नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था। उनका पैतृक गाँव आंध्र प्रदेश राज्य (भारत) में स्थित था। उनके पिता का नाम श्री लक्ष्मण भट्टजी और श्री इल्लमाजी उनकी माता थीं। श्री वल्लभ शुरू से ही सभी के प्रिय थे, इसीलिए उनका नाम 'वल्लभ' रखा गया जिसका संस्कृत भाषा में अर्थ है 'प्रियजन'। श्री वल्लभाचार्य का जन्मदिवस प्रत्येक वर्ष वैशाख कृष्ण एकादशी को जन्मोत्सव चम्पारण में मनाया जाता है। महाप्रभु के जन्म के समय उनके माता पिता काशी तीर्थ से अपने पैतृक राज्य की यात्रा करने जा रहे थे तब मार्ग में ही मत की प्रसव पीड़ा शुरू हुई औ...
वॉक इन इंटरव्यू : वेटलिफ्टिंग खेल का खेलो इंडिया लघु केन्द्र प्रशिक्षक हेतु

वॉक इन इंटरव्यू : वेटलिफ्टिंग खेल का खेलो इंडिया लघु केन्द्र प्रशिक्षक हेतु

Career, Raipur
खेलो इंडिया लघु केन्द्र वेटलिफ्टिंग खेल में प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ किया जाना है। जिसके लिए अस्थायी रूप से एक वेटलिफ्टिंग प्रशिक्षक की आवश्यकता है। प्रशिक्षक को एक मुश्त मासिक मानदेय शासन के निर्देशानुसार प्रदाय किया जाएगा। योग्य प्रशिक्षक की नियुक्ति के लिए वॉक इन इंटरव्यू द्वारा  24 जनवरी को सुबह 11 बजे से कार्यालय सहायक संचालक खेल एवं युवा कल्याण, साईंस कॉलेज मैदान, जी.ई.रोड जिला रायपुर में आयोजित है। इच्छुक अभ्यार्थी उक्त तिथि एवं समय पर अपनी शैक्षणिक योग्यता एवं वेटलिफटिंग खेल में उपलब्धि का प्रमाण पत्र सहित उपस्थित होकर चयन प्रकिया में भाग ले सकते है। इस हेतु पंजीयन सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक किया जाएगा तथा पंजीकृत उम्मीद्वार को वॉक इन इंटरव्यू में शामिल किया जाएगा।...
छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा को पर्यटन स्थल बनाने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा

छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा को पर्यटन स्थल बनाने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा

Chhattisgarh, Kondagaon, Tourism, Tribal Area News and Welfare, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर पर स्थित सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा पर्यटन के लिहाज से अविश्वसनीय स्थान है। स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा यहां लगातार प्रयास किया जा रहा था। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कलेक्टर श्री विजय दयाराम गौर-लाटा के स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए संसाधनों के अवसर उपलब्ध कराने के लिए नई कार्ययोजना भी तैयार कर रहे थे। अब इन सभी बातों को तेजी से गति मिलेगी क्यूंकि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौर-लाटा के महत्व को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी के रूप में है विख्यात गौर-लाटा 1225 मीटर ऊंची गौर-लाटा छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी है और भौगोलिक संरचना के अनुसार पाट प्रदेश से संबंधित है। इस चोटी से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बड़े वन क्षेत्र की अद्भुत खूबसूरती नजर आती है। इस पहाड़ी...
धर्म-उपासना: सूर्य की उपासना का पर्व है मकर संक्रांति

धर्म-उपासना: सूर्य की उपासना का पर्व है मकर संक्रांति

Chhattisgarh, Raipur, Various
मकर संक्रांति सूर्य की उपासना का पर्व है। इस दिन सूर्य भूमध्य रेखा को पार करके उत्तर की ओर अर्थात मकर रेखा की ओर बढ़ना शुरू करते हैं। इसी को सूर्य का उत्तरायण स्वरूप कहते हैं। इससे पहले वह दक्षिणायन होते हैं। सूर्य की उपासना के लिए उत्तरायण पर्व यानी मकर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य प्रत्यक्ष द्रष्टिगोचर होने वाले एक मात्र देवता हैं। इसीलिए मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा कर उनसे ऊर्जा प्राप्त करने का विशेष महत्त्व है। सूर्य पूजा का प्रचलन रामायण काल से चला आ रहा है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा नित्य सूर्य पूजा का उल्लेख रामकथा में मिलता है। सूर्यवंशी श्रीराम के पूर्व मार्तण्ड थे। राजा भगीरथ भी सूर्यवंशी थे, जिन्होंने तप-साधना के परिणामस्वरूप पापनाशिनी गंगा को पृथ्वी पर लाकर अपने पूर्वजों को मोक्ष प्रदान करवाया था। कपिल मुनि के आश्रम पर जिस दिन मातु गंगे का पदार्पण हुआ था, ...
विक्रमादित्य के काल से राजनांदगाव में विराजमान है डोंगरगढ़ की माता बम्लेश्वरी

विक्रमादित्य के काल से राजनांदगाव में विराजमान है डोंगरगढ़ की माता बम्लेश्वरी

Chhattisgarh, Rajnandgaon, Tourism, Various
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित है मां बम्लेश्वरी का भव्य मंदिर। पहाड़ों से घिरे होने के कारण इसे पहले डोंगरी और अब डोंगरगढ़ के नाम से जाना जाता है। यहां ऊंची चोटी पर विराजित बगलामुखी मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर। छत्तीसगढ़ ही नहीं देश भर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। हजार से ज्यादा सीढिय़ां चढ़कर हर दिन मां के दर्शन के लिए वैसे तो देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं लेकिन नवरात्रि के दौरान अलग ही दृश्य होता है। जो ऊपर नहीं चढ़ पाते उनके लिए मां का एक मंदिर पहाड़ी के नीचे भी है जिसे छोटी बम्लेश्वरी मां के रूप में पूजा जाता है। अब मां के मंदिर में जाने के लिए रोप वे भी लगाया गया है। ऊपर वाली बम्लेश्वरी माता लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व इसे कामाख्या नगरी के नाम से जाना जाता था। यहाँ राजा वीरसेन का शासन था। वे नि:संतान...
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया शहीद वीरनारायण सिंह इको टूरिज्म सर्किट का लोकार्पण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया शहीद वीरनारायण सिंह इको टूरिज्म सर्किट का लोकार्पण

Chhattisgarh, Tourism
भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र में स्थित ग्राम सोनाखान पहुंचे, जहां पर उन्होंने छत्तीसगढ़ के शहीद वीरनारायण सिंह की स्मृति में बनाए गए इको टूरिज्म सर्किट एवं म्यूजियम का शुभारम्भ किया। सोनाखान के कुर्रूपाठ के घने जंगलों में प्रकृति के बीच इस कलाकृति को आकार दिया गया है। यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला ऐसा म्यूज़ियम है, जहां ऑडियो- विजुअल सेटअप और एक विशेष धातु कॉर्टेन स्टील के माध्यम से शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी को प्रदर्शित किया गया है। सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले शहीद वीरनारायण सिंह की गौरव गाथा को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष तरह के कॉर्टेन स्टील का प्रयोग किया गया है। बताया गया कि कॉर्टेन स्टील एक तरह का ऐसा मेटल है, जिसमें पहले से जंग की एक परत...
रायपुर : राज्यपाल शामिल हुई टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव विश्वरंग 2022 के समापन समारोह में

रायपुर : राज्यपाल शामिल हुई टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव विश्वरंग 2022 के समापन समारोह में

Career, Chhattisgarh, India
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज अपने भोपाल प्रवास के दौरान रबीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव ‘विश्वरंग 2022‘ के समापन समारोह में शामिल हुई। महोत्सव में राज्यपाल को टैगोर विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने कविता संग्रह ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा‘ और बाल कविता कोश, विज्ञान कथाकोश पुस्तक तथा वनमाली कथा पत्रिका के नए अंक भेंट किये। राज्यपाल सुश्री उइके ने विश्वरंग के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए विश्वरंग-2022 की पूरी टीम को साधुवाद दिया। उन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में (पूर्व विधानसभा परिसर) अपने विधानसभा सदस्य रहते हुए बिताए पलों का भी स्मरण किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि महोत्सव में पद्म पुरस्कार, साहित्य अकादमी विजेताओं सहित विश्व के कवि, लेखक, कलाकारों, कला, साहित्य के विद्यार...
बिलासपुर: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग

बिलासपुर: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग

Bilaspur, Career
राजीव युवा उत्थान योजना अंतर्गत परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र बिलासपुर में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए एसएससी, बैकिंग, रेलवे, व्यापम एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क परीक्षा पूर्व कोचिंग अनुबंधित निजी कोचिंग संस्था के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। पात्र अभ्यर्थी 21 नवम्बर तक आवेदन कर सकते है। आवेदन पंजीकृत डाक से अथवा स्वयं उपस्थित होकर परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र बिलासपुर में जमा कर सकते है। अंतिम तिथि के पश्चात् आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। 6 मई 2022 को आयोजित प्राक्चयन परीक्षा की प्रतीक्षा सूची में चयनित अभ्यर्थियों को पुनः परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है। वे प्रवेश हेतु पात्र है। निःशुल्क परीक्षा पूर्व कोचिंग में प्रतीक्षा सूची के प्रशिक्षणार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। शेष रिक्त सीटों पर भर्ती प्राक्चयन परीक्षा से की...