दिनांक : 29-Mar-2024 07:55 PM
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Tribal Area News and Welfare

बस्तर : इंद्रावती नदी की सहायक नदियों का उपचार कर जल स्तर बढ़ाएं – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

बस्तर : इंद्रावती नदी की सहायक नदियों का उपचार कर जल स्तर बढ़ाएं – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण की पहली बैठक हुई। मुख्यमंत्री श्री बघेल इस प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बैठक में इंद्रावती नदी की सहायक नदियों का नरवा की तरह उपचार कर जल स्तर को बढ़ाने कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा उपचार के पूरे प्रदेश में अच्छे परिणाम आए हैं। इससे उनके जल स्तर में सात सेंटीमीटर से लेकर सात मीटर तक की वृद्धि हुई है। इस काम के लिए राशि की कमी नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में कहा कि इंद्रावती नदी का महत्व बस्तर के लोग अच्छी तरह जानते हैं। इसके किनारों पर बस्तर फल-फूल रहा है। जनसंख्या में वृद्धि, जल जीवन मिशन, खेती के क्षेत्र में बढ़ोतरी तथा उद्यानिकी फसलों के विस्तार के कारण पानी का उपयोग भी बढ़ रहा है। इसके लिए नदी में पर्याप्त पानी रहना जरूरी है। उन्होंने इंद्रावती नदी पर ओड़िशा की ...
बस्तर में लौट रही है शांति, बदल रहा है बस्तर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

बस्तर में लौट रही है शांति, बदल रहा है बस्तर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Dantewada, Tribal Area News and Welfare
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बस्तर जिले के बकावंड विकासखण्ड के ग्राम गिरोला में सिरहा, गुनिया, गायता, पुजारी, मांझी, बाजा-मोहरिया, आठ पहरिया, राजीव युवा मितान क्लब, गोठान समिति और पंचायती राज प्रतिनिधि द्वारा आयोजित आभार एवं सम्मान समारोह में शामिल हुए। उन्होंने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बस्तर बदल रहा है। बस्तर में शांति और विकास की बयार बह रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पुलिस के जवान ग्रामीणों के साथ कन्धा से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साल में बस्तर में सबसे कम हिंसा की घटनाएं हुई हैं, इसके लिए पुलिस के अधिकारियों और जवानों और बस्तरवासियों को बधाई। आज बस्तर की संस्कृति की चर्चा देश और दुनिया में फिर से हो रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल की मांग पर क्षेत्र के विकास के लिए ...
छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा को पर्यटन स्थल बनाने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा

छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा को पर्यटन स्थल बनाने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा

Chhattisgarh, Kondagaon, Tourism, Tribal Area News and Welfare, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर पर स्थित सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा पर्यटन के लिहाज से अविश्वसनीय स्थान है। स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा यहां लगातार प्रयास किया जा रहा था। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कलेक्टर श्री विजय दयाराम गौर-लाटा के स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए संसाधनों के अवसर उपलब्ध कराने के लिए नई कार्ययोजना भी तैयार कर रहे थे। अब इन सभी बातों को तेजी से गति मिलेगी क्यूंकि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौर-लाटा के महत्व को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी के रूप में है विख्यात गौर-लाटा 1225 मीटर ऊंची गौर-लाटा छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी है और भौगोलिक संरचना के अनुसार पाट प्रदेश से संबंधित है। इस चोटी से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बड़े वन क्षेत्र की अद्भुत खूबसूरती नजर आती है। इस पहाड़ी...
बीजापुर : पोषणबाडी से सुपोषित हुआ नौनिहाल : आंगनबाड़ी केन्द्र रानीबोदली मे सुपोषण बाड़ी से मिल रही है हरी सब्जियाँ

बीजापुर : पोषणबाडी से सुपोषित हुआ नौनिहाल : आंगनबाड़ी केन्द्र रानीबोदली मे सुपोषण बाड़ी से मिल रही है हरी सब्जियाँ

Dantewada, Tribal Area News and Welfare
जिला परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री लुपेन्द्र महिनाग के मार्गदर्शन मे  एकीकृत बाल विकास परियोजना कुटरू, सेक्टर कुटरू के आंगनबाडी केन्द्र रानीबोदली जो कि रानीबोदली पंचायत में है। रानीबोदली आंगनबाड़ी केन्द्र का पोषण बाडी जनवरी 2022 में पंचायत की ओर से सरपंच श्री विच्चम गोटा द्वारा फेंसिंगतार की बाडी तैयार कराया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के द्वारा जमीन का हल्का खोदाई कर लाल भाजी एवं पालक भाजी के बीज का रोपण किया गया। लगभग 4 से 5 माह की कड़ी मेहनत के बाद पोषण बाडी में लाल भाजी एवं पालक भाजी की हरी सब्जियॉ पोषण बाड़ी में लहराती हुई दिखी। इस हरी सब्जियों को गरम भोजन के साथ बनाकर परोसा जाता है। जिससे केन्द्र के बच्चें को कुपोषण में शतप्रतिशत सुधार हुआ है। अभी वर्तमान में केन्द्र में 0 से 6 वर्ष के कुल 40 बच्चे दर्ज है। और सभी बच्चे वर्तमान में सुपोषित है केन्द्र में अभी म...
विशेष लेख : कोरबा में लागू नहीं था नियम, मुख्यमंत्री ने लागू कराया और अब विशेष पिछड़ी जनजाति के 29 युवाओं को मिली सरकारी नौकरी

विशेष लेख : कोरबा में लागू नहीं था नियम, मुख्यमंत्री ने लागू कराया और अब विशेष पिछड़ी जनजाति के 29 युवाओं को मिली सरकारी नौकरी

Korba, Tribal Area News and Welfare
छतीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातियाँ दूरस्थ वनांचलों में रहती है। इन जनजातियों के लोग वनोपज इकट्ठा कर, खेती किसानी कर अपना जीवनयापन करती है।राज्य के ही आदिवासी अंचल सरगुज़ा और बस्तर संभाग में सरकारी नौकरियों में तीसरे वर्ग के पदों पर भर्ती में स्थानीय जनजातीय युवाओं को नियुक्त करने का नियम था। परंतु कोरबा ज़िले के जनजातीय बाहुल्य और विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरबा, बिरहोर का निवास स्थल होने के बाद भी यह नियम कोरबा ज़िले में लागू नहीं था। इस नियम के लागू नहीं होने से यहाँ के जनजातीय युवाओं को शिक्षित और योग्य होने के बाद भी सरकारी नौकरियों में आने का मौक़ा नहीं मिल पा रहा था। राज्य में श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री का पद सम्भालते ही इस विसंगति को दूर कर स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में भर्ती का रास्ता साफ़ कर दिया। मुख्यमंत्री ने ज़िला स्तर पर तृतीय श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए स्थानीय ज...
शपथ लेने के बाद मैंने जो पहला काम किया, वह था किसानों की ऋण माफी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

शपथ लेने के बाद मैंने जो पहला काम किया, वह था किसानों की ऋण माफी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज सिहावा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेलरगांव में आम जनता से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मैंने, जो पहला काम किया था, वह था किसानों की ऋण माफी। उन्होंने कहा कि शपथ के लेने के बाद वह सीधे मंत्रालय गए और राज्य के लगभग 19 लाख किसानों पर बकाया साढ़े नौ हजार करोड़ रूपए की ऋण माफी की फाइल पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की आय और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए बीते चार सालों में आजीविका के विविध साधन सृजित किए गए हैं। उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक जैसी अभिनव योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजनाएं लो...
राजा प्रवीर चंद्र भंज देव: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का वो मसीहा जो राजनीति की भेट चढ़ गया – II

राजा प्रवीर चंद्र भंज देव: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का वो मसीहा जो राजनीति की भेट चढ़ गया – II

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare, Vishesh Lekh
राजा प्रवीर चंद्र भंजदेव ने आदिवासियों के हक के लिए संघर्ष किया। वे आजाद भारत से बहुत उम्मीद रखने वाले रौशनख्याल राजा थे। उन्हें लगता था कि आजाद भारत में आदिवासियों का शोषण अंग्रेजों की तरह नहीं होगा। वे मानते थे कि आदिवासियों को उनकी जमीन पर बहाल करना अब आसान होगा। साथ ही आदिवासियों को भी विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बनने का अवसर प्राप्त होगा। एक तरह से वे आजादी को बस्तर के पूर्ण विकास के लिए एक बेहतरीन अवसर के रूप में देखते थे। नए रंग और देश की आजादी व रियासतों के विलय से बस्तर नरेश और काकतीय वंश के अंतिम राजा प्रवीर चंद भंजदेव बहुत आशान्वित थे। प्रवीर के सामाजिक जीवन की पहली झलक मिलती है सन 1950  में जगदलपुर राजमहल परिसर में आयोजित मध्यप्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मलेन में, जिसमे उन्होंने आदिवासी समाज, उनकी शिक्षा और विकास को लेकर अपने विचार रखे थे। उनके भाषण के कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत क...
विशेष : निर्भया महिला मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम – छत्तीसगढ़ की बेटियों में आत्मरक्षा की अनूठी पहल

विशेष : निर्भया महिला मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम – छत्तीसगढ़ की बेटियों में आत्मरक्षा की अनूठी पहल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में इन दिनों महिलाओ एवं बेटियों के खिलाफ यौन हिंसा एवं बलात्कार की घटनाओ की वृद्धि हुई है। महिला एवं बच्चो के प्रति हिंसा एवं दुराचार के रोकथाम हेतु प्रादेशिक स्तर पर निर्भया महिला मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम की आवयश्कता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के अव्वल एवं उच्च शैली के मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग मास्टर मृत्युंजय साहू द्वारा नया रायपुर में संचालित कन्या शालाओ में विशेष सत्र लगा कर, निःशुल्क मार्शल आर्ट्स एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग बच्चियों को दी जारी है। मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग पाकर बच्चे विशेषकर बालिका वर्ग का आत्मविश्वास बहुत बढ़ा है और वे बहुत रूचि से शिविर में हिस्सा ले रही। मृत्युंजय साहू द्वारा मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग का वीडियो देखे ट्रेनिंग मास्टर मृत्युंजय साहू का साक्षात्कार ट्रेनिंग मास्टर मृत्युंजय साहू के साथ हुई छोटी वार्ताल...
बस्तर महाराज प्रवीर चंद्र भंज देव: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का वो मसीहा जो राजनीति की भेट चढ़ गया – I

बस्तर महाराज प्रवीर चंद्र भंज देव: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का वो मसीहा जो राजनीति की भेट चढ़ गया – I

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
रियासत काल के प्रथम उड़िया और अंतिम काकतिया शासक प्रवीर चन्द्र भंजदेव आधुनिक बस्तर को दिशा प्रदान करने वाले पहले युगपुरुषों में से एक हैं। सन 1947 में भारत की आज़ादी के बाद मध्यप्रदेश के बस्तर क्षेत्र में (उस समय बस्तर मध्यप्रदेश का हिस्सा थी।) राजा प्रवीर चंद्र भंज देव के नेतृत्व में आदिवासी आंदोलन कांग्रेस के लिए चुनौती बनता जा रहा था। वे बस्तर के जनजातीय लोगों के अधिकारों के लिए लड़े। बाद में वे 1957 के आम चुनाव जीतकर अविभाजित मध्य प्रदेश विधान सभा के जगदलपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे अपने लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय थे, क्योंकि उन्होंने स्थानीय जनजातीय का मुद्दा उठाया और इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के शोषण के खिलाफ राजनीतिक नेतृत्व प्रदान किया। भूमि सुधारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाया और इस प्रकार वे तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस के लोगों द्वारा खतरा मान...
जानिए कौन था बस्तर का रियल मोगली के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध “चेंदरू द टाईगर बाय”

जानिए कौन था बस्तर का रियल मोगली के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध “चेंदरू द टाईगर बाय”

Chhattisgarh, Dantewada, Tribal Area News and Welfare, Vishesh Lekh
शकुंतला दुष्यंत के पुत्र भरत बाल्यकाल में शेरों के साथ खेला करते थे वैसे ही बस्तर का यह लड़का शेरों के साथ खेलता था। इस लड़के का नाम था चेंदरू। चेंदरू द टायगर बाय के नाम से मशहुर चेंदरू पुरी दुनिया के लिये किसी अजुबे से कम नही था। बस्तर मोगली नाम से चर्चित चेंदरू पुरी दुनिया में 60 के दशक में बेहद ही मशहुर था। चेंदरू के जीवन का दिलचस्प पहलू था उसकी टाइगर से दोस्ती, वह भी रियल जंगल के। दोस्ती भी ऐसी कि दोनों हमेशा साथ ही रहते थे, खाना, खेलना, सोना सब साथ-साथ। बस्तर का रियल मोगली कहलाने वाले चेंदरू ने 2013 में दुनिया को अलविदा कहा था। साठ साल पहले चेंदरु ने दुनिया भर का ध्यान खींचा था। फ्रांस, स्वीडन, ब्रिटेन और दुनिया के कोने-कोने से लोग सिर्फ उसकी एक झलक देखने को, उसकी एक तस्वीर अपने कैमरे में कैद करने को बस्तर पहुंचते थे। बस्तर की मारिया जनजाति का चेंदरु मंडावी पूरी दुनिया में टाइगर ब्वॉ...