दिनांक : 29-Mar-2024 07:35 PM
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रायपुर : मुख्यमंत्री ने गुरूजनों को शिक्षक दिवस पर दी शुभकामनाएं

रायपुर : मुख्यमंत्री ने गुरूजनों को शिक्षक दिवस पर दी शुभकामनाएं

Career, Chhattisgarh
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी गुरूजनों और प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अध्यापक के रूप में उच्च नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में उतारने के साथ ही अपने छात्रों को भी इसके लिए प्रेरित किया। डॉ. राधाकृष्णन कठिन विषय को अपनी शैली से सरल, रोचक और प्रिय बना देते थे। उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में गुरू को गोविंद से भी बड़ा दर्जा दिया गया है, क्योंकि ईश्वर तक पहुंचने और सत्मार्ग पर चलने का रास्ता गुरू ही बताते हैं। समाज के लिए अच्छा नागरिक तैयार करने में शिक्षक की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके इस...
विशेष लेख- शिक्षक दिवस : शिक्षा की रोशनी ने दृष्टिबाधित गोपेन्द्र के जीवन में लाया उजियारा

विशेष लेख- शिक्षक दिवस : शिक्षा की रोशनी ने दृष्टिबाधित गोपेन्द्र के जीवन में लाया उजियारा

Career, Chhattisgarh, India
शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे देश का भविष्य निर्माण होता है। समाज को गतिशील बनाकर विकास का आधार प्रदान करने के साथ व्यक्तित्व के विकास में भी शिक्षा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। शिक्षा एक ऐसी रोशनी है जो किसी के अंधकारमय जिंदगी को संवार कर उजाले की ओर सही दिशा में ले जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी गोपेन्द्र सोनकर की है। भले ही वह अपनी आंखों से देख नहीं पाता। लेकिन गांव के स्कूल में मिली शिक्षा ने उसकी जिंदगी को संवार दिया है। दृष्टिबाधित होने के बावजूद गोपेन्द्र ने अपनी पढ़ाई पूरी की। अब अपनी योग्यता की बदौलत वह उसी स्कूल में शिक्षक बनकर गांव के बच्चों को पढ़ाने जाने वाला है  जहां उसने अपनी पढ़ाई शुरू की थी। खास बात यह भी है कि इसी विद्यालय में गोपेन्द्र सोनकर के पिता श्री ढालेन्द्र सोनकर प्रधानपाठक है। रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत कागदेही निवासी गोपेन्द्र सोनकर ने शि...
शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष लेख : शिक्षकों के नवाचार से कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई के लिए मिले बेहतर विकल्प

शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष लेख : शिक्षकों के नवाचार से कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई के लिए मिले बेहतर विकल्प

Career, Chhattisgarh, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के नवाचार और सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से शिक्षा की जोत को प्रज्ज्वलित कर प्रदेश के अंतिम छोर तक शिक्षा के पढ़ई तुंहर दुआर नाम से ऑनलाईन और ऑफलाईन तकनीक से बच्चों के लिए शिक्षा में निरंतरता के लिए संगठित रूप से प्रयास किए हैं। कोरोना काल में शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। गत वर्ष मार्च महीने से स्कूल बंद होने की स्थिति में बच्चों को घर पहुंच शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुकरणीय पहल को देशभर में सराहा गया है। प्रदेश के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने एक बार फिर यह साबित किया है कि परिस्थितियां चाहें कितनी भी विपरीत क्यों न हो, शिक्षादान के प्रति उनका समर्पण अतुलनीय और अद्वितीय है। शिक्षकों पर देश के भावी कर्णधारों के जीवन को गढ़ने और उनके चरित्र निर्माण करने का महत्वपूर्ण दायित्व होता है। शिक्षा ही ऐसा माध्यम है जिससे हम...