दिनांक : 29-Mar-2024 05:22 AM
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छत्तीसगढ़ ने मनरेगा में बनाया एक और रिकॉर्ड, मनरेगा लागू होने के बाद से सबसे अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार

छत्तीसगढ़ ने मनरेगा में बनाया एक और रिकॉर्ड, मनरेगा लागू होने के बाद से सबसे अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम) के क्रियान्वयन में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वर्ष 2006-07 में मनरेगा के अस्तित्व में आने के बाद से प्रदेश ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक मानव दिवस रोजगार सृजन के साथ ही इस साल सबसे अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने का नया रिकॉर्ड बनाया है। इस वर्ष अब तक पांच लाख 54 हजार 322 परिवारों को 100 दिनों का काम उपलब्ध कराया गया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पांचवें स्थान पर है। केवल राजस्थान, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल ही इसमें प्रदेश से आगे है। इन राज्यों में मनरेगा जॉबकॉर्डधारी परिवारों की संख्या तथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित रोजगार सृजन का लक्ष्य छत्तीसगढ़ से काफी ज्यादा है। प्रदेश में इस वर्ष अब तक 17 करोड़ 66 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है,...
छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव को ग्रामीण विकास मंत्रालय की हरी झंडी, मनरेगा लेबर बजट में दो करोड़ मानव दिवस की बढ़ोतरी

छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव को ग्रामीण विकास मंत्रालय की हरी झंडी, मनरेगा लेबर बजट में दो करोड़ मानव दिवस की बढ़ोतरी

Chhattisgarh
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के लेबर बजट में दो करोड़ मानव दिवस की बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। राज्य शासन की कोशिशों से चालू वित्तीय वर्ष में लेबर बजट का लक्ष्य दूसरी बार बढ़ाया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरूआत में मनरेगा के तहत रोजगार सृजन का लक्ष्य साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस निर्धारित था। मनरेगा के अंतर्गत हो रहे व्यापक कार्यों और लक्ष्य की पूर्णता में तेजी को देखते हुए राज्य शासन के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने पहले इसमें डेढ़ करोड़ मानव दिवस की वृद्धि करते हुए 15 करोड़ मानव दिवस का संशोधित लक्ष्य मंजूर किया था। मनरेगा में लगातार प्रदेश के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए राज्य शासन के आग्रह पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसमें दो करोड़ मानव दिवस और बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। अब चालू वित्तीय वर्ष के...
रायपुर : मनरेगा में छत्तीसगढ़ में 29.81 लाख परिवारों को औसत 52 दिनों का रोजगार

रायपुर : मनरेगा में छत्तीसगढ़ में 29.81 लाख परिवारों को औसत 52 दिनों का रोजगार

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत इस साल काम पाने वाले 29 लाख 81 हजार परिवारों को प्रति परिवार औसत 52 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस मामले में राष्ट्रीय औसत 48 दिनों का है। छत्तीसगढ़ मनरेगा कार्यों में इस वर्ष भागीदारी करने वाले परिवारों को प्रति परिवार औसत रोजगार देने में ज्यादा आबादी वाले कई बड़े राज्यों उत्तरप्रदेश (40 दिन), तेलंगाना (48 दिन), तमिलनाडु (46 दिन), आंध्रप्रदेश (50 दिन), बिहार (42 दिन), गुजरात (41 दिन), झारखण्ड (44 दिन), कर्नाटक (46 दिन) और महाराष्ट्र (38 दिन) से आगे है। 4.17 लाख परिवारों को 100 दिनों से अधिक का काम चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश में चार लाख 16 हजार 956 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का काम मुहैया कराया गया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पांचवें स्थान पर है। इसमें केवल राजस्थ...
धमतरी : मनरेगा और विभागीय अभिसरण से बाड़ी विकास ने बदली गुहाननाला की तस्वीर

धमतरी : मनरेगा और विभागीय अभिसरण से बाड़ी विकास ने बदली गुहाननाला की तस्वीर

Chhattisgarh
धमतरी. छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं अन्य विभागीय योजनाओं के अभिसरण से भूमि का समतलीकरण कर भूमि को कृषि योग्य बनाया जा रहा है। धमतरी जिले के नगरी विकासखण्ड मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर बसे ग्राम गुहाननाला में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और अन्य विभागीय योजनाओं के अभिसरण से 29 एकड़ की भूमि में समतलीकरण, मेड़ बंधान के अलावा उसे कृषि योग्य और उपजाऊ बनाने के कार्य किया गया। नतीजन आज वह भूमि ना केवल उपजाऊ हो गई, बल्कि हितग्राहियों की आमदनी का जरिया बन गई है।  जिला मुख्यालय से 66 किलोमीटर दूर बसे ग्राम गुहाननाला के 20 आदिवासी परिवार की जिंदगी में बदलाव तब आना शुरू हुआ जब साल 2020-21 में इन्हें मिले वनाधिकार पत्र की 29 एकड़ की भूमि का चक तय कर मनरेगा से भूमि सुधार किया गया। इसके बाद विभागीय अभिसरण (कृषि, उद्यानिकी, क्रेडा, जिला खनिज न्य...