दिनांक : 13-Apr-2024 03:14 PM
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किसानों को बिना ब्याज के लाख की खेती के लिए मिलेगा ऋण

किसानों को बिना ब्याज के लाख की खेती के लिए मिलेगा ऋण

Chhattisgarh, Dantewada
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आय में वृद्धि हेतु विशेष पहल की जा रही है। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बीहन लाख आपूर्ति तथा बीहन लाख विक्रय और लाख फसल ऋण की उपलब्धता के लिए मदद सहित आवश्यक व्यवस्था की गई है। राज्य में वर्तमान में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रूपए है। राज्य में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपए की आय कृषकों को देने का लक्ष्य है। राज्य में बीहन लाख की कमी को दूर करने हेतु कृषकों के पास उपलब्ध बीहन लाख को उचित मूल्य पर क्रय करने के लिए क्रय दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 550 रूपए प्रति किलो ग्राम तथा रंगीनी बीहन लाख...
नदी-नालों के पुनर्जीवन से बदलने लगी लोगों की तकदीर, मक्का और साग-सब्जी बढ़ा उत्पादन

नदी-नालों के पुनर्जीवन से बदलने लगी लोगों की तकदीर, मक्का और साग-सब्जी बढ़ा उत्पादन

Chhattisgarh, Raipur
जल संरक्षण का व्यापक स्तर पर फायदा पर्यावरण, जैवविविधता के साथ किसानों और आम नागरिकों को मिल सकता है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार ने प्रदेश में नरवा संरक्षण की पहल की। नई सरकार बनने के साथ आई महत्वाकांक्षी नरवा विकास योजना आज अपनी सार्थकता साबित कर रही है। नदी, नालों के पुनर्जीवन से जहां जल संरक्षण और भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है, वहीं नरवा में बने जल संरक्षण संरचनाओं से किसानों की सिंचाई सुविधा में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश के सुदूर दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल द्वारा बोटी कनेरा उप परिक्षेत्र में किये गये चियोर बहार नरवा विकास कार्य ने क्षेत्र के किसानों की खुशहाली और समृद्धि के द्वार खोल दिये हैं। कैम्पा मद की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के तहत वनाच्छादित क्षेत्र से निकलने वाले चियोर बहार नाला में नरवा उपचार किया गया है। इसमें वन प्रबन्धन समिति के माध्यम से काकड़गांव के ग्रामीणों ने भी सक्रिय सह...
छत्तीसगढ़ में औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को बढ़ावा: आई.आई.आई.एम. जम्मू द्वारा प्रशिक्षण जारी

छत्तीसगढ़ में औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को बढ़ावा: आई.आई.आई.एम. जम्मू द्वारा प्रशिक्षण जारी

Chhattisgarh, Raipur
राज्य में छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनांतर्गत औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु के अनुकूल प्रजातियों का चयन कर 1000 एकड़ से अधिक रकबा में औषधीय प्रजातियों का कृषिकरण कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में वर्तमान में पायलट परियोजना अंतर्गत लेवेंडर की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में अम्बिकापुर, मैनपाट, जशपुर और रोजमेरी मध्य क्षेत्र बस्तर तथा मोनाड्रा सिट्रोडोरा का कृषिकरण कार्य को बढ़ावा देने चिन्हांकित किया गया है। औषधीय एवं सुगंधित प्रजातियों के कृषिकरण कार्य से किसानों को परंपरागत खेती से दोगुना अथवा इससे भी अधिक लाभ प्राप्त ...
विशेष लेख : सूक्ष्म पोषक तत्वों विटामिन ठ 12, फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर है फोर्टिफाइड चावल

विशेष लेख : सूक्ष्म पोषक तत्वों विटामिन ठ 12, फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर है फोर्टिफाइड चावल

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
कुपोषण से लड़ने में फोर्टिफाइड चावल बहुत उपयोगी....इसके सेवन से बच्चों में बेहतर पोषण और स्वास्थ्य हो रहा सुनिश्चित छत्तीसगढ़ में मध्याह्न भोजन में फोर्टिफाइड चावल का हो रहा वितरण ♦ विशेष लेख- नितिन शर्मा, सहायक संचालक प्रत्येक माता-पिता की ख्वाइश होती है कि उनके बच्चे स्वस्थ्य रहें। लेकिन उनकी चिंता तब बढ़ जाती है जब बच्चे खाने-पीने में आनाकानी करते हैं। इससे बच्चों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और उनकी वृद्धि प्रभावित होती है। इसके साथ कुछ बच्चे जन्म से ही कुपोषित होते हैं। बच्चों का बेहतर स्वास्थ्य और सुपोषण स्तर बना रहे इसके लिये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मध्याह्न भोजन में फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू किया गया है। फोर्टिफाइड चावल वितरण की शुरूआत कोण्डागांव जिले से हुई थी। फोर्टिफाईड चावल क्या होता है..ये कैसे बनाया जाता है और बच्चों के लिये ये कैसे उपयो...
मनरेगा से बना कुआं, अब लहलहा रही फसल, तरकारी की खेती से झलिया की आय बढ़ी

मनरेगा से बना कुआं, अब लहलहा रही फसल, तरकारी की खेती से झलिया की आय बढ़ी

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बीते तीन साल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने अनेक तरह के सरकारी प्रयास हो रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोगजार गारंटी) योजना के तहत हितग्राही समूह के लोगों के खेतों में तालाब और कुआं का निर्माण भी किया जा रहा है। खेतों में तालाब और कुआं बन जाने के ग्रामीण किसानों की सिंचाई जैसी समस्या का समाधान हो रहा है। जशपुर के मनोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत सुरजूला की रहने वाली महिला किसान श्रीमती झलिया उन हितग्राहियों में से एक हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिला है। अब श्रीमती झलिया के खेत में ही कुआं बन जाने के बाद सिंचाई के पानी के लिए उनकी चिंता दूर हो गई है। वहीं खेत में बने कुआं में पर्याप्त पानी की उपलब्धता के चलते महिला किसान झलिया परम्परागत फसल के बाद सब्जी-तरकारी की खेती कर रही हैं, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ी है। गौरतलब है कि जशपुर छत्त...
कवर्धा: किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने में कबीरधाम जिला टॉप वन पर

कवर्धा: किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने में कबीरधाम जिला टॉप वन पर

Chhattisgarh
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान करने पर कबीरधाम जिला पूरे प्रदेश में टॉप पर पहुंच गया है। कबीरधाम जिले में समर्थन मूल्य पर शुरू हुई धान खरीदी से लेकर अब तक एक माह में 77 हजार 454 पंजीकृत किसानो से कुल 25 लाख 90 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है, जिसकी राशि 478 करोड 50 लाख रूपए है। इस प्रकार 77 प्रतिशत पंजीकृत किसानों के द्वारा पंजीकृत धान के रकबे में से 65 प्रतिशत रकबा के विरुद्ध धान का विक्रय किया जा चुका है। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि जिले के सभी पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की जाएगी। उन्होने किसानों से धान खरीदी के संबंध में फलाई जा रही अफवाहों को ध्यान नहीं देने की अपील करते हुए कहा कि धान खरीदी केन्द्रों प्रतिदिन के धान क्षमता के आधार पर किसानों को टोकन जारी किया जा जा रहा है। धान खरीदी कार्य किसी भी प्रकार का प्रभावित नहीं होने...