615 वर्ष पुरानी परम्परा के साथ बस्तर के गोंचा महोत्सव का समापन, धूमधाम से निकली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा
ऐतिहासिक बस्तर गोंचा पर्व में छेरा-बाहरा रस्म के साथ ही तीन रथों में भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों की रथ परिक्रमा आज संपन्न हुई। इस दौरान हरी बोलो व जगन्नाथ की जयघोष के साथ पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। श्रद्धा, उत्साह और भक्ति के साथ लोगों ने रथ को खींचा और भगवान जगन्नाथ स्वामी माता सुभद्रा और बलभद्र स्वामी गुडिचा मंदिर में नौ दिन के लिए स्थापित किया।
जगन्नाथपुरी की तरह बस्तर के गोंचा उत्सव में भी बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव द्वारा छेरा-बाहरा विधान किया जाता है। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खांबरी ने बताया कि बस्तर राज परिवार द्वारा इस रस्म को पूरा करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली झाडू कुश और चांदी से बनी होती है। इस झाड़ू का इस्तेमाल केवल रथ यात्रा के दौरान ही किया जाता है। हर साल झाडू में नया कुश लगाया जाता है।
भगवान को गजामुंग और फनस ख...