दिनांक : 20-Apr-2024 12:28 PM
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चन्द्रनाहूँ-कुर्मी क्षत्रिय समाज के सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री, प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का किया फैसला

चन्द्रनाहूँ-कुर्मी क्षत्रिय समाज के सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री, प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का किया फैसला

Chhattisgarh, Raipur
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार अन्नदताओं को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के अन्नदाताओं की बेहतरी और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने सरकार द्वारा किसानांे से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में चल रहे प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान किसानों द्वारा 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की मांग के मद्देनजर यह फैसला लिया गया। श्री बघेल आज रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पारागांव में आयोजित चन्द्रनाहूँ-कुर्मी क्षत्रिय समाज के रायपुर राज अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में चन्द्रनाहूं समाज के पूर्वजों को श्रद्धासुमन अर्पित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि चन्द्रनाहूँ-कुर्मी समाज का इतिहास प्राचीन एवं गौरवशाली रहा है। समाज का संस्कृत...
छत्तीसगढ़ का पहला किसान स्कूल, जिसने पेटेंट करवाई भाजी और धान की 36 किस्में

छत्तीसगढ़ का पहला किसान स्कूल, जिसने पेटेंट करवाई भाजी और धान की 36 किस्में

Bilaspur, Chhattisgarh
जांजगीर-चांपा जिले का बहेराडीह गांव पूरे देश में इसलिए पहचाना जाने लगा है, क्योंकि यहां देश का पहला किसान स्कूल है। खास बात ये है कि छत्तीसगढ़ की 36 किस्म की भाजियों और धान का इस स्कूल को चलाने वाले किसान ने पेटेंट करवा लिया है। जितने भाजियों और धान की वैरायटियों का पेटेंट करवाया गया, सभी की खेती स्कूल की छत पर गमलों में की जा रही है। इनमें चौलाई, अमारी और चेंच जैसी भाजियां हैं। इस स्कूल ने अमारी, चेंच और केले के छिलके से बने धागों से जैकेट और राखियां तक बनाई हैं। भास्कर जब इस स्कूल में पहुंचा तो किसान दीनदयाल यादव आसपास के किसानाें और महिला समूहों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दे रहे थे। उन्होंने बताया कि यहां बनी हुई जैविक खाद न केवल सब्जियों, बल्कि मुनगा, नींबू, आम और पपीते की खेती में भी काफी लाभ पहुंचा रही है। यादव ने दावा किया कि रासायानिक खाद की तुलना में जैविक खाद से दोगुना उत्प...
डेयरी एवं पशुपालन नहीं रहा अब घाटे का सौदा: मुख्यमंत्री बघेल

डेयरी एवं पशुपालन नहीं रहा अब घाटे का सौदा: मुख्यमंत्री बघेल

Chhattisgarh, Raipur
डेयरी एवं पशुपालन अब घाटे का सौदा नहीं रह गया हैं। गोबर बेचकर लोग अपने बाल बच्चों की पढ़ाई एवं वर-विवाह की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बहुत सारे लोग तो गोठान से मिली आमदनी से ही काफी जायदाद बना लिये हैं। शुरूआती आशंका के बाद हमारी गोधन न्याय योजना ने न केवल देश में बल्कि विश्व में भी काफी लोकप्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में आयोजित अखिल भारतीय यादव महासभा के शताब्दी समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भगवान श्रीकृष्ण की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यादव समाज के ईष्टदेव भगवान श्री कृष्ण के योगदान से दुनिया में कौन वाकिफ नहीं है। भगवत गीता के रूप में उनका संदेश युद्ध और शांति दोनों ही स्थिति में प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सबसे पहले गोपालन ...
नदी-नालों के पुनर्जीवन से बदलने लगी लोगों की तकदीर, मक्का और साग-सब्जी बढ़ा उत्पादन

नदी-नालों के पुनर्जीवन से बदलने लगी लोगों की तकदीर, मक्का और साग-सब्जी बढ़ा उत्पादन

Chhattisgarh, Raipur
जल संरक्षण का व्यापक स्तर पर फायदा पर्यावरण, जैवविविधता के साथ किसानों और आम नागरिकों को मिल सकता है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार ने प्रदेश में नरवा संरक्षण की पहल की। नई सरकार बनने के साथ आई महत्वाकांक्षी नरवा विकास योजना आज अपनी सार्थकता साबित कर रही है। नदी, नालों के पुनर्जीवन से जहां जल संरक्षण और भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है, वहीं नरवा में बने जल संरक्षण संरचनाओं से किसानों की सिंचाई सुविधा में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश के सुदूर दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल द्वारा बोटी कनेरा उप परिक्षेत्र में किये गये चियोर बहार नरवा विकास कार्य ने क्षेत्र के किसानों की खुशहाली और समृद्धि के द्वार खोल दिये हैं। कैम्पा मद की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के तहत वनाच्छादित क्षेत्र से निकलने वाले चियोर बहार नाला में नरवा उपचार किया गया है। इसमें वन प्रबन्धन समिति के माध्यम से काकड़गांव के ग्रामीणों ने भी सक्रिय सह...
छत्तीसगढ़ में औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को बढ़ावा: आई.आई.आई.एम. जम्मू द्वारा प्रशिक्षण जारी

छत्तीसगढ़ में औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को बढ़ावा: आई.आई.आई.एम. जम्मू द्वारा प्रशिक्षण जारी

Chhattisgarh, Raipur
राज्य में छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनांतर्गत औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु के अनुकूल प्रजातियों का चयन कर 1000 एकड़ से अधिक रकबा में औषधीय प्रजातियों का कृषिकरण कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में वर्तमान में पायलट परियोजना अंतर्गत लेवेंडर की खेती के लिए छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में अम्बिकापुर, मैनपाट, जशपुर और रोजमेरी मध्य क्षेत्र बस्तर तथा मोनाड्रा सिट्रोडोरा का कृषिकरण कार्य को बढ़ावा देने चिन्हांकित किया गया है। औषधीय एवं सुगंधित प्रजातियों के कृषिकरण कार्य से किसानों को परंपरागत खेती से दोगुना अथवा इससे भी अधिक लाभ प्राप्त ...
राजीव गांधी किसान न्याय योजना और बीज उत्पादन कार्यक्रम से किसान को हो रहा फायदा

राजीव गांधी किसान न्याय योजना और बीज उत्पादन कार्यक्रम से किसान को हो रहा फायदा

Chhattisgarh, Rajnandgaon
राजनांदगांव विकासखण्ड के ग्राम कुम्हालोरी के कृषक संतराम साहू ने कृषि विभाग द्व्रारा संचालित एक्सटेंशन रिफाम्र्स आत्मा योजनान्तर्गत खरीफ प्रदर्शन में समान्य धान के बदले सुगंधित धान का प्रदर्शन अपने खेत में आयोजित किया है। जिसे राजीव गांधी किसान न्याय योजना में पंजीकृत कर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए और बीज निगम में बीज उत्पादन कार्यक्रम में शामिल कर बाजार के भाव से ज्यादा मूल्य से विक्रय कर दोगुना फायदा प्राप्त करेंगे। इस आयोजित प्रदर्शन एवं पंजीयन किए गए फसल का निरीक्षण करने आये बीज प्रमाणीकरण संस्था रायपुर के प्रबंध संचालक श्री एबी आसना ने कृषकों से मुलाकात के दौरान योजना से संबधित जानकारी साथ ही अच्छे गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन की जानकारी भी कृषकों को बताए। निरीक्षण करने आये टीम में बीज परीक्षण अधिकारी रायपुर श्री सीपी. सिंह, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी राजनांदगांव श्री एके त्रिपाठी, बीज...
रायपुर : छत्तीसगढ़ में गेहूं की खेती का तेजी से बढ़ता ग्राफ

रायपुर : छत्तीसगढ़ में गेहूं की खेती का तेजी से बढ़ता ग्राफ

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ राज्य में खेती-किसानी में अब तेजी से बदलाव आ रहा है। राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलने लगा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को समय-समय पर दी जानी वाली सीधी मदद भी फसल विविधीकरण में मददगार साबित हुई है। इस योजना के तहत किसानों को सालभर में चार किश्तों में दी जानी वाली इनपुट सब्सिडी से खेती-किसानी समृद्ध हुई है और धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में अन्य फसलों की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। छत्तीसगढ़ में चना, तिवड़ा, सरसो, गेहूं रबी की मुख्य फसलें हैं। बीते तीन सालों में गेहूं की खेती की ओर राज्य के किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है। जिसके चलते गेहूं की रकबे में पौने तीन गुना की वृद्धि हुई। राज्य में तीन-चार साल पहले औसतन एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुआ करती थी, जो रबी सीजन 2020-21 में स...
राजीव गांधी किसान न्याय योजना : किसानों के बैंक खातों में चौथी किश्त की राशि खाते में जमा

राजीव गांधी किसान न्याय योजना : किसानों के बैंक खातों में चौथी किश्त की राशि खाते में जमा

Chhattisgarh
धान उपार्जन वर्ष 2020-21 में धान बेचने वाले 20 लाख 53 हजार कृषकों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की अंतिम किश्त की राशि 1024 करोड़ 61 लाख रूपए का भुगतान किसानों के खाते में प्रदेश के सहकारी बैंकों के द्वारा कर दिया गया है। जिला सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा 9000 रूपए प्रति एकड़ न्याय योजना की राशि का भुगतान किया जाना था, जिसके अंतर्गत वर्ष 2020-21 में धान बेचने वाले 20 लाख 53 हजार किसानों को न्याय योजना की कुल राशि 5521 करोड़ 44 लाख रूपए का भुगतान किया जाना था। बैंकों के द्वारा पूर्व में तीन किश्तों में इन किसानों को 4496 करोड़ 83 लाख रूपए का भुगतान पूर्व में ही किया जा चुका है। न्याय योजना की शेष बची राशि 1024 करोड़ 61 लाख रूपए की अंतिम किश्त के रूप में 31 मार्च को जारी कर दी गई है। यह राशि किसानों के खाते में बैंकों द्...
कोरोना संकट के बावजूद भी किसानों के हितों की नहीं होगी अनदेखी- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

कोरोना संकट के बावजूद भी किसानों के हितों की नहीं होगी अनदेखी- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

Chhattisgarh
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना संकट के बावजूद भी राज्य के किसानों के हितों की अनदेखी और उनकी जरूरतों को पूरा करने में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। खरीफ सीजन 2021 को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार किसानों की डिमांड के अनुरूप न सिर्फ खाद और बीज की व्यवस्था में जुट गई है, बल्कि तेजी से इनका भंडारण समितियों में कराना शुरू कर दिया है। खरीफ के लिए खाद- बीज की डिमांड को देखते हुए अब तक समितियों में लगभग 45 फीसद खाद और 25 फीसद प्रमाणित बीज का भंडारण करा दिया गया है। खाद बीज के भंडारण की यह प्रक्रिया अनवरत रूप से जारी रहेगी । किसान भाई समितियों से अपनी आवश्यकता के अनुरूप खाद- बीज उठाव कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ 2021 की तैयारियों के लिए किसानों को पैसे की जरूरत पड़ेगी।  इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आगामी ...