दिनांक : 26-Apr-2024 03:17 AM
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रायपुर : ‘न्याय सब्बो बर-सब्बो डहर’ के ध्येय को पूरा कर रही छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर : ‘न्याय सब्बो बर-सब्बो डहर’ के ध्येय को पूरा कर रही छत्तीसगढ़ सरकार

Chhattisgarh
देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ की पहचान बीते साढ़े तीन साल के दरम्यान ग्रामीणों और किसानों के साथ न्याय करने वाले राज्य के रूप में कायम हुई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘न्याय सब्बो बर-सब्बो डहर’ के ध्येय को लेकर योजनाएं लागू की जा रही हैं और उनका क्रियान्वयन भी तेजी से किया जा रहा है। राज्य के ग्रामीणों, किसानों, मजदूरों, गरीबों और महिलाओं के हितों की रक्षा और उन्हें सीधे-सीधे लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने जो फैसले लिए हैं। इसकी वजह से किसान, मजदूर और ग्रामीणों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते साढ़े तीन साल में अपनी नीतियों से ग्रामीण और किसानों को न सिर्फ सम्मान से जीने का अवसर उपलब्ध कराया है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई गति दी है। वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की यही रणनीति छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल ...
पीएससी भर्ती में बड़ा विवाद: प्रदेश के मूल निवासी को 5 वर्ष लेकिन यहीं के शासकीय कर्मी को 3 वर्ष की ही छूट

पीएससी भर्ती में बड़ा विवाद: प्रदेश के मूल निवासी को 5 वर्ष लेकिन यहीं के शासकीय कर्मी को 3 वर्ष की ही छूट

Career, Chhattisgarh
पीएससी ने 26 नवंबर को 171 पदों पर राज्य सेवा परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया जिसके आवेदन 31 दिसंबर तक ऑनलाइन भरे जाएंगे, लेकिन अंतिम तिथि आने से पहले ही आयु सीमा में छूट को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। पीएससी ने इन भर्तियों में मूल निवासियों को आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट तो दी है, लेकिन इस छूट से शासकीय सेवकों को वंचित कर दिया गया है। पीएससी का तर्क है कि शासन की नीति के अनुसार प्रदेश के मूल निवासी होने के बावजूद शासकीय सेवकों को आयु सीमा में तीन साल की ही छूट दी जाएगी। आयुसीमा 35 वर्ष की है, अर्थात शासकीय सेवकों की अधिकतम आयु 38 वर्ष तय कर दी गई है, जबकि मूल निवासियों के लिए यह 40 वर्ष होगी। इस वजह से शासकीय सेवकों के 400 से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट होने की सूचना है और इस मुद्दे पर बवाल मच गया है कि शासकीय सेवक छत्तीसगढ़ के हैं, तब उन्हें 5 वर्ष की छूट क्यों नहीं दी जा रही है? इधर, पीएससी...