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विशेष लेख : अनुकम्पा के नियम हुए जब शिथिल : बेबस परिवारों की दूर हुई मुश्किल

विशेष लेख : अनुकम्पा के नियम हुए जब शिथिल : बेबस परिवारों की दूर हुई मुश्किल

Chhattisgarh
रायपुर, 22 जून 2021 / वह चाहे मधु हो या योगिता, नंदिता हो, या फिर ओमप्रकाश, शिवानी, समीक्षा, मीरा मतलाम...किसी ने अपना पिता खोया तो किसी ने अपना पति.. कोरोना महामारी ने इन परिवारों का घर उजाड़ दिया। अनमोल रिश्तों के धागों में बंधे एक ही परिवार के सदस्यों की मौत ने इन सभी को कभी न भूलने वाला ऐसा गहरा जख्म दिया कि आज भी उसे याद कर पीड़ित परिवार सिहर जाते है। कोरोना से हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए वे लोग जो घर के मुखिया थे, सरकारी नौकरी में थे और  जिन पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी, अचानक से हुई उनकी मौत परिवार के लिए किसी सदमा से कम नहीं था। एक तरफ घर के कमाऊ सदस्य के एकाएक मौत का सबकों गम था तो दूसरी तरफ अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर वर्षों पुरानी पेचीदगी। अनुकम्पा नियुक्ति में 10 प्रतिशत का सीमा बंधन होने की वजह से चौतरफा मुसीबत से घिरे परिवारों के पास सिवाए आंसू बहाने कुछ न था। ऐसे में प्...
सरगुजा की योगिता ने कहा- अनुकंपा नियुक्ति मिलने से पूरे परिवार को मिली राहत

सरगुजा की योगिता ने कहा- अनुकंपा नियुक्ति मिलने से पूरे परिवार को मिली राहत

Chhattisgarh
सरगुजा जिले में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमि पूजन कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज वर्चुअल माध्यम से बातचीत की। शासन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में नियमों को शिथिल किए जाने के बाद इस योजना से लाभान्वित अम्बिकापुर की योगिता जयसवाल ने बताया कि उनकी नियुक्ति सहायक ग्रेड वर्ग 3 में हुई है। उन्होंने बताया कि मां के निधन के बाद से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उन्होंने बताया कि परिवार अपने सभी खर्चों के लिए मां पर ही आश्रित था। पिता पहले ही कहीं चले गए थे। मां के गुजर जाने के बाद परिवार पर मुसीबत टूट पड़ी थी और भरण-पोषण तक मुश्किल हो गया था। अनुकंपा नियुक्ति के लिए 10 प्रतिशत सीमा बंधन होने के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी।लेकिन अब यह सीमा शिथिल हो जाने के बाद उन्हें नियुक्ति मिल गई है, जिसके कारण उनके परिवार ...