रायपुर | मध्य प्रदेश की सियासत में मचे सियासी घमासान को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने तंज कसा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया केे कांग्रेस छोड़कर भाजपा जाने पर उन्होंने कहा कि एक अकेला व्यक्ति हमेशा के लिए कप्तान के रूप में नहीं रहता है। कोहली को अगर कप्तान नहीं बनाया गया तो क्या वह पाकिस्तान की टीम में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, जो व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के कारण भाजपा में शामिल होता है, उसे कभी सीएम नहीं बनना चाहिए। रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए सिंहदेव ने कहा कि किसी का भी बिछड़ना दुखद होता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए टीएस सिंहदेव ने कहा कि पार्टी ने जिसके लिए इतना सब कुछ किया ऐसे कांग्रेस के वरिष्ठ व्यक्ति का भाजपा में जाना समझ से बाहर है। उन्होंन कहा कि एक अकेला व्यक्ति हमेशा के लिए कप्तान के रूप में नहीं रहता।
कपिल देव को मौका मिला जब गावस्कर थे। वर्तमान में विराट कोहली कप्तान हैं, लेकिन टी 20 में अलग-अलग कप्तान हैं। अगर उन्हें कप्तान नहीं बनाया गया तो क्या कोहली पाकिस्तान की टीम में शामिल होंगे? यह समझ से परे है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता कांग्रेस के निकटम रहे। ज्योतिरादित्य खुद 18 साल से कांग्रेस में रहे। हर जगह पार्टी ने उन्हें तवज्जो दी। मध्य प्रदेश की सरकार में 8 मंत्री उनकी सलाह पर थे।
TS Singh Deo: A single person doesn’t remain as captain forever, Kapil Dev got his chance when Gavaskar was there. Currently Virat Kohli is captain but in T20 there are different captains. Will Kohli join Pakistan’s team if he is not made captain? It’s beyond understanding(12.03) https://t.co/e7InqGbEj8
— ANI (@ANI) March 13, 2020
उन्होंने कहा कि कैसे कोई व्यक्ति ऐसी पार्टी में जाकर काम करेगा जिसकी कमियों को निकलाने का काम उसने किया है। मंत्री सिंहदेव ने कहा, लोग दावे कर सकते हैं लेकिन मैं कभी भाजपा में शामिल नहीं होऊंगा। भले ही मुझे 100 जीवन मिले मैं उस विचारधारा से कभी नहीं जुड़ूंगा। जो व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के कारण भाजपा में शामिल होता है, उसे कभी सीएम नहीं बनना चाहिए।
18 साल कांग्रेस में रहे सिंधिया ने दाे दिन पहले थामा कमल
माधव राव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 साल तक कांग्रेस में रहे। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनके साथ 22 विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दिया है। ज्योतिरादित्य की दादी और बुआ पहले से ही भाजपा की नेता रही हैं। हालांकि माधव राव सिंधिया हमेशा कांग्रेस ही रहे। ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब पूरा परिवार भाजपाई हो गया है।