रायपुर | राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में कई प्रभावशाली लोगों और अफसरों पर पड़े आयकर छापों के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ रायपुर से दिल्ली तक मोर्चा खोल दिया है। रविवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक दुर्भावना से छत्तीसगढ़ में आयकर के छापे पड़वा रही है।
लेकिन भाजपा के शासनकाल में जो भ्रष्टाचार और घपले हुए हैं, उनपर पीएम मोदी और अमित शाह खामोश क्यों रहे। 36 हजार करोड़ रुपए के नान घोटाले से लेकर पनामा पेपर्स जिनमें पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह का नाम है, उस पर अब तक केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है।
Respected @narendramodi Ji,
हमारे पूर्वजों ने संविधान में संघीय ढांचे का प्रावधान बहुत सोच समझकर किया था। आपने मुख्यमंत्री रहते हुए इसका बार बार ज़िक्र भी किया है।
कुछ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छत्तीसगढ़ में संघीय ढांचे के प्रावधानों को चोट पहुंचाने वाली कार्रवाइयां हुई हैं।… pic.twitter.com/j0vFjwMGL9
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 2, 2020
इससे पहले सीएम बघेल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर प्रदेश में आयकर विभाग के कार्रवाई की जानकारी दी। वे शनिवार की शाम दिल्ली गए थे, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से रायपुर लौट आए थे। भूपेश बघेल और पीएल पुनिया ने सोनिया गांधी से उनके निवास पर करीब आधा घंटे तक चर्चा की। इसके बाद भूपेश ने मीडिया से कहा कि केन्द्र सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना से छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग से छापेमारी करवाई है।
दरअसल राज्य सरकार नान घोटाले की जांच करवा रही है। इसे प्रभावित करने के लिए आयकर कार्रवाई के जरिए माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। राज्य को सूचना दिए बगैर जिस तरह से पूरी कार्रवाई की गई, यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस पर कानूनी सलाह लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
भूपेश ने कहा कि हम केंद्र सरकार की किसी भी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। मीडिया से चर्चा में पुनिया बोले कि केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं और भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों पर हो रही कार्रवाई से घबराई हुई है। राज्य सरकार को बिना भरोसे में लिए जिस तरह से कार्रवाई हुई, वह संवैधानिक नहीं है। उन्होंने इस मामले को संसद सत्र में उठाने की बात भी कही।