भिलाई | छत्तीसगढ़ में चावल को लेकर अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार की लगातार मांग के बाद केंद्र ने चावल का कोटा 24 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 28 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। चार लाख मीट्रिक टन चावल एथेनाॅल के लिए सेंटर पूल में लिया जाएगा।
इससे राज्य सरकार को राजस्व में तकरीबन 1 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत कहते हैं कि केंद्र अभी 24 लाख मीट्रिक टन चावल ले रहा है, जबकि 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेना चाहिए। कोटा और बढ़ाने के लिए भगत फिर से केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखेंगे और लगातार प्रयास करेंगे। चावल का कोटा बढ़ाने के लिए सीएम भूपेश बघेल और खाद्य मंत्री भगत पहले भी केंद्रीय खाद्य मंत्री पासवान को पत्र लिख चुके हैं। भगत ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र से गरीबों के लिए चावल आवंटित करने का भी आग्रह किया है। केंद्र सरकार ने सहमति दी है।
प्रदेश में चावल की स्थिति
- 83.67 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी राज्य सरकार ने इस खरीफ सीजन में किसानों से की है।
- 56.51 लाख मीट्रिक टन चावल बना है।
- 25.40 लाख मीट्रिक टन (सेंट्रल पूल 15.48 लाख टन, स्टेट पूल 9.92 लाख टन)।
- 31.11 लाख मीट्रिक टन चावल सरप्लस होगा।
- 24 लाख मीट्रिक टन चावल एफसीआई में लेने की अनुमति दी गई है।
- 73.20 लाख टन धान की ही
सरप्लस चावल की खपत से छत्तीसगढ़ सरकार का राजस्व बढ़ेगा: मंत्री भगत
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, 4 लाख मीट्रिक टन का कोटा बढ़ाने से राज्य सरकार को तकरीबन 1000 करोड़ रुपए का राजस्व का लाभ होगा। राज्य सरकार की ओर से केंद्र से मांग की गई थी कि कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन से देश के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। राज्य में सरप्लस चावल की खपत नहीं की जाती तो बड़ी हानि उठानी पड़ती