बिलासपुर(तखतपुर) | बिलासपुर के हिर्री थाना क्षेत्र में पंचायत प्रतिनिधियों ने गांव के 120 से अधिक गायों को एक अंधेरे कमरे में बंद रखा था, जिससे लगभग 50 से अधिक गायों की मौत होने की सूचना है,इस खबर के आते ही अधिकारियों के पैर ताले से जमीन खिसक गई है। आज सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब सुबह मेड़पार तखतपुर विकासखण्ड से दिल दहला देने वाली खबर मिली है,सुबह जैसे ही पता चला कि अस्थायी गौठान में 50 गाय की मौत हो गयी है।
गांव में सनसनी फैल गयी,खबर तखतपुर जनपद पंचायत सीईओ,तहसीलदार समेत जिला पंचायत सीईओ तक पहुंची,पूरा महकमा हल चल में आ गया,बातचीत के दौरान बात सामने आयी कि अधिकारी अब फांसी के लिए गर्दन की तलाश शुरू कर दिए हैं,जानकारी मिल रही है कि तखतपुर सीईओ का बयान कुछ और जिला पंचायत सीईओ का बयान कुछ सामने आ रहा है,फिलहाल डाक्टरों की टीम मौके पर पहुंच गयी है,गंभीर रूप से बेहोश गायों को ग्लूकोज चढाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत तखतपुर के मेड़पार में अस्थायी गौठान में 50 गाय की मौत और इतने ही गाय के बेहोश होने के बाद जिला में तहलका मच गया है,खबर के बाद जिला से लेकर तहसील स्तर के कर्मचारी और सीईओ मौके पर पहुंच गये हैं। वही इस पूरे मामले में यह भी कहा सकता है कि जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा बेजुबान गौ वंश को भुगतना पड़ा है।
वही इस पूरे घटनाक्रम में अधिकारियों ने टालमटोल की नीति को अपनाया है। कमोबेश सभी अधिकारी गाय की मौत के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ की माने तो मौत के लिए जिम्मेदार की तलाश होगी। वहीं लोगों की माने तो अधिकारी अब फांसी के लिए कमजोर की गर्दन तलाशना शुरू कर दिया है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने सरपंच, सचिव, जनपद सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए हैं।