रायपुर | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ट्विटर वॉर छेड़ रखा है। राहुल ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से प्रधानमंत्री लगातार बड़ी गलतियां कर रहे हैं। इससे देश कमजोर हुआ और लोग परेशानी में आ गए। हमारी विदेश नीति खतरे में है, इकोनॉमी भी बर्बाद हुई।
Since 2014, the PM’s constant blunders and indiscretions have fundamentally weakened India and left us vulnerable.
Empty words don’t suffice in the world of geopolitics. pic.twitter.com/XM6PXcRuFh
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 17, 2020
राहुल गाँधी ने चीन के मुद्दे पर 3 सवाल उठाए
- पहला- चीन ने अतिक्रमण के लिए यही समय क्यों चुना?
- दूसरा- भारत की स्थिति में ऐसा क्या है, जिसने चीन को आक्रामक होने का मौका दिया?
- तीसरा- इस समय ऐसा विशेष क्या है, जिससे चीन को यह विश्वास हुआ कि वह भारत के खिलाफ दुस्साहस कर सकता है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसे समझने के लिए आपको अलग-अलग पक्षों को समझना होगा। देश की रक्षा किसी एक पॉइंट पर नहीं टिकी होती, बल्कि यह काम कई ताकतों के मिलने से होता है। यह कोऑर्डिनेशन कई व्यवस्थाओं का होता है। देश की रक्षा, विदेश संबंधों से होती है, पड़ोसी देशों से होती है, अर्थव्यवस्था से होती है और जनता की भावनाओं से होती है। उन सभी एरिया में भारत को नुकसान हुआ और संकट बढ़ा है।
‘हमारे विदेशी रिश्ते कमजोर हुए’
राहुल ने विदेश नीति पर कहा कि हमारे संबंध दुनिया के कई देशों से अच्छे रहे हैं। हमारे रिश्ते अमेरिका से रहे हैं। मैं इसे स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप कहूंगा, जो काफी अहम है। हमारे रिश्ते रूस से थे, यूरोपीय देशों से थे और ये सभी देश हमारे सहयोगी थे। आज हमारे विदेशी संबंध मतलबपरस्त हो गए हैं। अमेरिका से भी मौजूदा रिश्ते लेन-देन पर आधारित हैं। रूस से भी रिश्ता डिस्टर्ब हुआ है। यूरोपीय देशों से भी संबंध मतलब के रह गए हैं।
‘पड़ोसी देशों से भी संबंध बिगड़े’
नेपाल पहले हमारा करीबी दोस्त था। भूटान और श्रीलंका भी करीबी थे। पाकिस्तान को छोड़ सभी पड़ोसी देश हमारे साथ मिलकर काम करते थे और भारत को पार्टनर मानते थे। आज नेपाल हमसे नाराज है, वहां के लोग गुस्से में हैं। श्रीलंका ने तो चीन को बंदरगाह तक दे दिया। मालदीव और भूटान भी परेशान हैं। इस तरह हमने अपने करीबी विदेशी पार्टनरों से रिश्ते बिगाड़ लिए।
‘इकोनॉमी 50 साल के सबसे खराब दौर में’
हमारी ऐसी खूबियां थीं, जिनकी चर्चा हम दुनियाभर में करते थे, उन पर गर्व करते थे। अभी इकोनॉमी पिछले 50 साल के सबसे खराब दौर में है। कोई नजरिया नहीं है, अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है। बेरोजगारी पिछले 40-50 साल के मुकाबले सबसे ज्यादा हो गई है। हमारी मजबूती अचानक कमजोरी कैसे बन गई?
‘सरकार ने हमारी बात नहीं मानी, इसलिए आर्थिक संकट बढ़ा’
हमने सरकार से कई बार कहा कि ध्यान दीजिए। इस बात को समझिए कि हम आए दिन असुरक्षित हो रहे हैं। हमने सरकार से कहा कि भगवान के लिए अर्थव्यवस्था संभालने के लिए पैसे खर्च कीजिए। छोटे कारोबारियों को बचाने के लिए तुरंत ऐसा कीजिए, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसलिए आज हमारा देश आर्थिक संकट में है। विदेश नीति खतरे में है। पड़ोसियों से रिश्ते खराब हैं। इसीलिए चीन ने भारत के खिलाफ हिम्मत करने का यह वक्त चुना।