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हसदेव बचाओ आंदोलन: टी. एस. सिंहदेव ने अनशन कर रहे आंदोलनकर्ताओं को पेड़ नहीं कटने पर आश्वाशन दिया

04/10/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

सरगुजा क्षेत्र में हसदेव अरण्य को बचाने हेतु “हसदेव बचाओ” आंदोलन बिलासपुर में पिछले 6 दिनों से कोंहेर गार्डेन में अनशनरत आन्दोलनकर्ताओ से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ प्रदेश के कैबिनेट मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने आश्वासन दिलाया कि ग्रामवसियों की अनुशंसा अनुरूप नई खदानों में पेड़ कटाई नहीं होगी एवं उन्हें जूस पिलाकर अनशन पर विराम लगाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि,”बिलासपुर में हसदेव अरण्य को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे साथियों की भावनाओं को मैं समझ सकता हूं और उनके साथ हूँ ।”

साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हसदेव क्षेत्र में नई खदानों में पेड़ नहीं कटने पर आश्वाशन दिया है, मैं आप सभी साथियों को विश्वास दिलाता हूं कि आप सभी भरोसा रखें हसदेव अरण्य सुरक्षित रहेगा।


गौरतलब है कि हसदेव अरण्य में अडानी के MDO वाले कोयला खदान PEKB-2 के लिए पेड़ों की कटाई शुरु हो गई है। वन विभाग, प्रशासन और कंपनी ने मंगलवार सुबह 5-6 बजे पेड़ों की कटाई शुरू करा दिया है। अभी शुरुआत में 45 हेक्टेयर का जंगल काटे जा रहे हैं। उसके बाद 1100 हेक्टेयर का एक और जंगल काटा जाएगा।

अंबिकापुर – हसदेव अरण्य में परसा ईस्ट केते बासेन(पीईकेबी) खदान के दूसरे चरण के जंगल को चारों ओर से घेरकर पेड़ों को काटने का काम किया जा रहा है। बाहरी लोगों को जंगल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पेड़ों की कटाई आरंभ होने से पहले सोमवार रात से ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उदयपुर क्षेत्र में पहुंच गए थे।

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को परसा ईस्ट केते बासन कोयला खदान 2012 में आवंटित हुई थी। इसमें 2013 से खनन जारी है। 2019 में इसके दूसरे फेज का प्रस्ताव आया था। इसमें परियोजना के लिए 348 हेक्टेयर राजस्व भूमि, 1138 हेक्टेयर वन भूमि के अधिग्रहण सहित करीब 4 हजार की आबादी वाले पूरे घाटबर्रा गांव को विस्थापित करने का प्रस्ताव है। इन इलाकों में इन खदान को बनाने जंगल भी काटे जा रहे हैं। जिसका ग्रामीण विरोध भी कर रहे हैं।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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