
नवापारा राजिम। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर चंद्र ग्रहण के चलते प्रयागनगरी राजिम में एक दिन पहले सोमवार को सुप्रसिद्ध नदिया मड़ई का आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ. एक दिन पहले आयोजित होने के बावजूद बड़ी संख्या में अंचल के लोग पुण्य लाभ अर्जित करने व भगवान श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव के दर्शन हेतु जुटें थे. प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर राजिम के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान करने श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.
सुबह स्नान पश्चात संगम बीच स्थित भगवान कुलेश्वर नाथ महादेव और भगवान राजीव लोचन, मामा-भांजा, ब्रम्हचर्य आश्रम में स्थित महादेव के दर्शन लाभ लिए. इधर सुबह से ही आवला भात (पिकनिक) का आनंद भी लिए. वहीं शाम को नदी में लगने वाले नदिया मड़ई में लोगो का जनसैलाब उमड़ा. राजिम मेले के बाद पुनः नदी स्थल पर तरह तरह के दुकान लगे थे. फैंसी, पूजा पाठ के सामान, गन्ना की दुकान, उखरा, खिलौने, कपड़े, नास्ता ठेला सहित अन्य छत्तीसगढ़ी व्यंजन से सराबोर दुकाने लोगो को अपनी ओर खींच रहे थे.वही लोग भी इस नदिया मड़ई का हिस्सा बनते हुए परिवार के साथ सम्मिलित हुए और जमकर खरीददारी भी की
इस अवसर पर अवसर पर नदिया मड़ई में राजिम और नवापारा शहर के अलावा तीनों जिले गरियाबंद, धमतरी और रायपुर जिले के आसपास के गांव के लोग यहां पहुंचे थे. लोगो ने नदी के मध्य निर्मित लम्बे लक्ष्मण झूले का भी आनंद लिया. शाम को नगर के यादव समाज व राजीव लोचन मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में धूमधाम से मड़ई लेकर निकले कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना भी किया.
मड़ई की भव्यता को देखते हुए स्थानीय मंदिर समिति सहित करेली बड़ी , राजिम व नवापारा पुलिस बल के जवान मुस्तैदी के साथ तैनात थे. कार्तिक पूर्णिमा पर नदिया मड़ई के बाद राजिम अंचल में होती है मड़ई की शुरुवात लोगो का मत है की कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर त्रिवेणी संगम में नदिया मड़ई के पश्चात समस्त राजिम अंचल क्षेत्र में मड़ई मेले के आयोजन की शुरुआत हो जाती है. यहाँ माता सीता द्वारा हस्त निर्मित रेत की शिवलिंग विश्व प्रसिद्ध है. इसे देखने दूर दूर से भगवान भोलेनाथ के भक्त आते है.
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- प्रियंका (Media Desk)
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