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कांकेर में 22वीं राज्य स्तरीय शाला खेल कूद प्रतियोगिता की शुरआत

08/10/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Kanker    

कांकेर जिले को इस बार 22वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के मेजबानी का अवसर मिला है, आज से जिला मुख्यालय कांकेर में यह प्रतियोगिता प्रांरभ हो गया है। इस प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह का मुख्य अतिथि जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हेमन्त ध्रुव थे तथा अध्यक्षता जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री हेमनारायण गजबल्ला द्वारा की गई। बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री बिरेश ठाकुर,  जनपद पंचायत कांकेर अध्यक्ष श्री रामचरण कोर्राम एवं उपाध्यक्ष श्री रोमनाथ जैन तथा जिला पंचायत सदस्य श्री नरोत्तम पड़ोटी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।

शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हेमन्त धु्रव ने कहा कि कोरोना काल में पिछले दो वर्षों में खेल गतिविधयां रूक गई थी। इस वर्ष खेल गतिविधियां प्रारंभ हुई है तथा हमारे जिले को 22वीं शालेय क्रीडा प्रतियोगिता के आयोजन का सौभाग्य मिला है। इस प्रतियोगिता में सभी पांच संभाग सरगुजा, बिलासपुर, दूर्ग, रायपुर एवं बस्तर संभाग के खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में भाग ले रहे सभी खिलाड़ी खेल भावना का परिचय देते हुए अपने खेल का प्रदर्शन करें। खिलाड़ियों को अपने प्रतिद्वन्दी का सम्मान करना चाहिए।

एक अच्छा खिलाड़ी वहीं होता है, जो  अपने प्रतिद्वन्दी का सम्मान करता है, उन्होंने इसके लिए टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर एवं राफेल नडाल का उदाहरण दिया। जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री ध्रुव ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे गांवों में उत्साह का माहौल बना है, 18 से 40 वर्ष के महिला-पुरूष ग्रामीण खेल-कूद प्रतियोगिता गिल्ली, डंडा, भौरा, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, खो-खो, कबड्डी इत्यादि खेल में बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं। जिला मुख्यालय कांकेर में 22वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता के आयोजन पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने इसका विधिवत उद्घाटन की घोषणा किया।

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री हेमनारायण गजबल्ला ने कहा कि सभी खिलाड़ी अपने खेल का अच्छा प्रदर्शन करें। मौका बार-बार नहीं मिलता। खेल भावना के साथ खेलें और अपने गांव एवं जिले का नाम रौशन करें। बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री बिरेश ठाकुर ने प्रतियोगिता में भाग लेने आये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि कांकेर जिले को प्रतियोगिता के आयोजन का अवसर मिला है, जो हमारे लिए गर्व की बात है। आप लोग खेल भावना का परिचय देते हुए अपने खेल का प्रदर्शन करें तथा अपने मुकाम को हासिल करें और अपने माता-पिता, गांव तथा जिले का नाम रौशन करें।

उद्घाटन समारोह के अवसर पर खिलाड़ियों द्वारा मार्चपास्ट का आयोजन किया गया तथा राष्ट्रीय स्तर के फुटबाल खिलाड़ी बस्तर जोन के कुमारी मीना कश्यप द्वारा खिलाड़ियों को शपथ दिलाया गया।  जिला शिक्षा अधिकारी श्री भुवन जैन ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के लिए पांच खेल जोन बनाया गया है, जिसमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा एवं बस्तर जोन के लगभग 450 खिलाड़ी भाग ले रहे है। क्रीडा प्रतियोगिता के अंतर्गत हैण्डबाल 14 वर्ष बालक-बालिका, खो-खो 17 वर्ष एवं फुटबॉल 19 वर्ष बालक-बालिका भाग लेंगे।

हैण्डबाल एवं खो-खो की प्रतियोगिता पंडित विष्णु प्रसाद शर्मा उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय गोविन्दपुर में तथा बालक वर्ग की फुटबॉल प्रतियोगिता शासकीय नरहरदेव उत्कृष्ट विद्यालय कांकेर एवं बालिका वर्ग फुटबॉल प्रतियोगिता सेन्ट माइकल स्कूल के क्रीड़ांगन में आयोजित की जायेगी। राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिए स्वागत समिति, मंच व्यवस्था समिति, आवास समिति, अभिलेख एवं योग्यता प्रमाण पत्र जांच समिति, ज्यूरी ऑफ अपील, वाहन प्रभारी, पेयजल, स्वच्छता, विद्युत आदि विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।

कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक आर.पी. मिरे, सहायक संचालक शिक्षा लक्षमण कावड़े एवं नवीन सिन्हा, खेल प्रभारी संजीत श्रीवास्तव सहित समिति के सदस्यगण, शिक्षक-शिक्षिकाएं, व्यायाम शिक्षक, जोनल प्रभारी सहित सभी पांच जोन के खिलाड़ी उपस्थित थे। मंच संचालन श्री सुरेश चंद श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।