राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अपने एक दिवसीय रायगढ़ प्रवास के दौरान आज ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। यहां उन्होंने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह आपके जीवन के एक महत्वपूर्ण चरण के पूरा होने का प्रतीक है। आप सभी ने अपने मूल विषय में ज्ञान और अंर्तदृष्टि प्राप्त करने तथा मूल्यों को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
इसी प्रकार जीवन में लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच के फलस्वरूप ही आप सफलता के सोपान तय करेंगे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल सुश्री उइके ने 31 स्वर्ण, 28 रजत और 27 कांस्य पदक सहित कुल 738 विद्यार्थियों को स्नातक की उपाधि प्रदान की और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं की।
उन्होंने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज युवाओं को प्रशिक्षित तथा प्रेरित करने के साथ-साथ उनमें उद्यमशीलता की भावना जगाने की जरूरत है। उन्हें अपना रास्ता तय करने के लिए मार्गदर्शित करने की आवश्यकता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह संकल्पना करें और राष्ट्र के विकास के लिए नई और उपयुक्त तकनीकों का निर्माण करें। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि अनुसंधान के लिए, समस्या समाधान के लिए, विकास के लिए अपने विद्यार्थियों के बीच नए विचारों, नवाचारों और उद्यमिता की सोच को पल्लवित और पोषित करे।
नए विचारों और प्रौद्योगिकियों को कार्यशालाओं और उत्पादन तक लाकर दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आप संकल्प लेंगे कि पूरा राष्ट्र आपका परिवार है तो पूरे देश को शक्ति मिलेगी और वास्तव में आपकी उपलब्धियों और क्षमता का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग हो पाएगा। मेरा आग्रह है कि आप जो भी कार्य करें, उसमें राष्ट्रहित सर्वोपरि हो।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की पहल से देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है जो समानता, गुणवत्ता और जवाबदेही के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है। निश्चित ही 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल शिक्षा नीति अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाएगा। उन्होंने युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने की विद्यार्थियों को सीख भी दी। साथ ही राष्ट्र के विकास में बाधा डालने वाले बुराईयों को दूर करने में अपनी भूमिका निभाने को कहा।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने आपको इतना योग्य बनायें कि आजीविका आपकी खोज करें न की आप आजीविका की। विश्वविद्यालय के परिसर से दीक्षित होकर निकलना, आपको समाज की उच्च अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जिम्मेदारी भी देता है। उन्होंने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस विश्वविद्यालय में देश के 18 से अधिक राज्यों के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यह परिसर विद्यार्थियों को एक बहुसांस्कृतिक और बहुजातीय वातावरण उपलब्ध करा रहा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों का आपसी संवाद उन्हें एक व्यापक दृष्टि देता है और सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाता है। इस मौके पर यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती शालू जिंदल ने सभी पास आउट विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीे।
समारोह में स्वागत उद्बोधन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ आर डी पाटीदार ने दिया। उन्होंने यूनिवर्सिटी के एकेडमिक एक्टिविटी के साथ उपलब्धियों का ब्योरा साझा किया। इस अवसर पर डॉ उमेश मिश्रा, चेयरमैन, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, शहीद नंद कुमार पटेल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ ललित प्रकाश पटेरिया, एडीएम सुश्री संतन देवी जांगड़े सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, उनके परिजन व यूनिवर्सिटी के स्टाफ उपस्थित थे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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