
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात का कारवां आज बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पटना पहुंचा। मुख्यमंत्री का वहां लोगों ने ध्वज और सूत की माला के साथ आत्मीय स्वागत किया। आंगनबाड़ी केंद्र करजी के नन्हें-मुन्ने बच्चों और ग्रामीणों ने गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया। नौनिहालों ने ‘हम बच्चो से करते प्यार हमारे कका शानदार’ गीत गाकर सुनाया। मुख्यमंत्री ने नन्ही माही ध्रुव से हाथ मिलाया और दुलार किया।
पटना में भेंट-मुलाकात के दौरान ग्राम सोरगा के रामलखन यादव ने मुख्यमंत्री को बताया कि हाट-बाजार क्लिनिक से घर के पास ही नि:शुल्क इलाज और दवाईयां मिल रही हैं। इससे अस्पताल तक आने-जाने और डॉक्टर की फीस व दवाइयों पर होने वाला खर्च बच रहा है। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया।
भूमिहीन श्रमिक शांति ने बताया कि उसे राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ मिल रहा है। योजना के तहत मिली राशि से उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उसे बधाई देते हुए कहा कि महिलाएं स्वावलंबी हो रही हैं यह अच्छी बात है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात में कहा कि प्रदेश के लोगों की आय कैसे बढ़े, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। हमारी सरकार लोगों की जेब में पैसा डालने का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि किसानों के साथ-साथ भूमिहीन श्रमिकों की आय बढ़ाने के लिए भी योजना शुरू की गई है। महिला समूहों को भी गौठान के माध्यम से रोजगार मिल रहा है। लघु वनोपजों के लिए समर्थन मूल्य घोषित करने के साथ उनका प्रसंस्करण कर मूल्य संवर्धन कर रहे हैं जिससे ज्यादा आमदनी हो रही है।
पहले समर्थन मूल्य पर केवल सात वनोपजों की खरीदी होती थी जिसे बढ़ाकर अब हम 65 तरह के वनोपजों की खरीदी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सार्वभौम पीडीएस, राशन-कार्ड वितरण, सुपोषण अभियान, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, वन अधिकार पट्टा वितरण और मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना का फीडबैक लिया।
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- प्रियंका (Media Desk)
- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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