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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिली है, स्कूल में ही मिल रहा है जाति प्रमाण पत्र

05/06/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लाक में रहने वाले कलेश पलार हल्बा जनजाति के हैं. लेकिन जाति प्रमाण पत्र समय पर नहीं बनने के कारण 10वीं के बाद पढ़ाई जारी नहीं रख पाए। लेकिन आज कलेश पवार के चेहरे पर मुस्कान है क्यूंकि जाति प्रमाण पत्र की वजह से उनके बेटे की पढ़ाई नहीं रूकेगी। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले उनके बेटे जिज्ञांशू को उसके स्कूल में ही उसका जाति प्रमाण पत्र मिल गया है। शायद जिज्ञांशू को इस बात का अहसास नहीं है कि उसे क्या मिला है, लेकिन अपने पिता के चेहरे की मुस्कुराहट को देखकर उसे ये जरूर पता है कि उसे भी पिता के साथ मुस्कुराना है।

तीन साल पहले तक जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदक को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। ये प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि कई लोगों ने जाति प्रमाण पत्र के बारे में सोचना ही बंद कर दिया। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस परेशानी को समझा और जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण किया।

अब स्कूल में ही जाति प्रमाण पत्र के लिए फार्म भर दिया जाता है और बिना किसी दौड़भाग के जाति प्रमाण पत्र बनकर स्कूल में ही बच्चे को मिल जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले जिज्ञांशू और उसके जैसे हजारों नौनिहालों के साथ जिन्हें जाति प्रमाण पत्र की वजह से कोई तकलीफ नहीं होगी और वो समय समय पर शासन की योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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