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छत्तीसगढ़ का पहला किसान स्कूल, जिसने पेटेंट करवाई भाजी और धान की 36 किस्में

06/03/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Bilaspur, Chhattisgarh    

जांजगीर-चांपा जिले का बहेराडीह गांव पूरे देश में इसलिए पहचाना जाने लगा है, क्योंकि यहां देश का पहला किसान स्कूल है। खास बात ये है कि छत्तीसगढ़ की 36 किस्म की भाजियों और धान का इस स्कूल को चलाने वाले किसान ने पेटेंट करवा लिया है। जितने भाजियों और धान की वैरायटियों का पेटेंट करवाया गया, सभी की खेती स्कूल की छत पर गमलों में की जा रही है। इनमें चौलाई, अमारी और चेंच जैसी भाजियां हैं।

इस स्कूल ने अमारी, चेंच और केले के छिलके से बने धागों से जैकेट और राखियां तक बनाई हैं। भास्कर जब इस स्कूल में पहुंचा तो किसान दीनदयाल यादव आसपास के किसानाें और महिला समूहों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दे रहे थे। उन्होंने बताया कि यहां बनी हुई जैविक खाद न केवल सब्जियों, बल्कि मुनगा, नींबू, आम और पपीते की खेती में भी काफी लाभ पहुंचा रही है।

यादव ने दावा किया कि रासायानिक खाद की तुलना में जैविक खाद से दोगुना उत्पादन होता है। वैसे तो किसान दीनदयाल 2010-11 से सब्जियों पर नए खोज कर रहे हैं, लेकिन 23 दिसंबर 2021 को उन्होंने गांव में किसान स्कूल ही खोल लिया। 2022 में इस स्कूल का नामकरण जांजगीर क्षेत्र के पत्रकार स्व. कुंजबिहारी साहू के नाम पर रखा गया है।

2021 को किसान स्कूल की स्थापना
23 दिसंबर 2021 को किसान दिवस के मौके पर जांजगीर जिले के ग्राम बहेराडीह में किसान स्कूल की स्थापना की गई। कृषि विभाग के सहयोग से यहां फसलों और सब्जियों की खेती के लिए नए-नए प्रयोग किए जाते हैं।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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