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डा. भीमराव आम्बेडकर से ज्यादा उपयुक्त नाम संसद भवन के नामकरण हेतु कोई और नही – डा. ओम सुधा

06/03/2023 posted by Kishore Jain Chhattisgarh    

अनुसूचित जाति जनजाति संगठनो का अखिल भारतीय परिसंघ छ.ग.राज्य द्वारा नई दिल्ली मे निर्माणाधीन नये संसद भवन का नामकरण भारतीय संविधान के निर्माता व देश के प्रथम कानून मंत्री डा.बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर के नाम पर किये जाने तथा निजीकरण के विरूद्ध आवाज बुलंद किये जाने सहित अन्य मुद्दो को लेकर परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.उदित राज के निर्देशानुसार आयोजित जागरूकता सम्मेलन फेडरेशन भवन भिलाई मे डा.ओम सुधा राष्ट्रीय महासचिव, अनुसूचित जाति जनजाति संगठनो का अखिल भारतीय परिसंघ, नई दिल्ली के मुख्य आतिथ्य तथा विभिन्न सामाजिक संगठनो के प्रतिनिधियो की उपस्थिति मे संपन्न हुआ। सम्मेलन मे अनिल मेश्राम को परिसंघ के छत्तीसगढ़ राज्य का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

अनिल मेश्राम छत्तीसगढ़ परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये

सम्मेलन के प्रारंभ मे अतिथियो द्वारा डा.बाबासाहेब आम्बेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन किया गया। जागरूकता सम्मेलन की रूपरेखा व विषय की जानकारी प्रदेश संयोजक अनिल मेश्राम द्वारा दिये जाने के उपरांत सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीपीएम नेता विनोद सोनी ने कहा कि डा.आम्बेडकर ने गुलाम भारत मे प्रथम श्रम मंत्री तथा आजाद भारत का प्रथम कानून मंत्री रहते हुए मजदूरो के हित मे अनेक लाभकारी नीतियो का निर्माण किया इसलिए हर मजदूर बाबासाहेब आम्बेडकर के सम्मान लिए समर्पित रहेगा और देश की शासकीय संपत्तियो व सार्वजनिक उपक्रमो के निजीकरण का विरोध सतत जारी रहेगा।

विभिन्न सामाजिक प्रतिनिधियो की उपस्थिति मे जागरूकता सम्मेलन संपन्न हुआ

गुरू घासीदास सेवा समिति के अध्यक्ष आर डी देशलहरा ने कहा कि बाबासाहेब ने संविधान और कानून बनाकर देश को जीना और चलना सिखाया है इसलिए संसद भवन का नामकरण उनके नाम पर ही होना चाहिए। पिछड़ा वर्ग समाज के मुखिया कौशल कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार चंद उद्योगपतियो के हाथो देश की सरकारी संपत्ति बेचकर निजीकरण कर रही है जिससे देश की जनता को मंहगाई और बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है तथा इससे एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण को भी नुकसान पहुंचा है।

आदिवासी नेता सीताराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार दलित आदिवासी विरोधी सरकार है इसकी दमनकारी नीतियो से पूरा समाज पीड़ित और आक्रोशित है। जामा मस्जिद भिलाई के अध्यक्ष जमील अहमद ने कहा कि भारतीय संविधान ने हम सबको एक माला मे पिरोया है इसलिए हमे मोहब्बत और भाईचारे की मिसाल देनी चाहिए, मुस्लिम समाज बाबा भीमराव आम्बेडकर के नाम और सम्मान की खातिर कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने को तैयार है।

परिसंघ के राष्ट्रीय सचिव एच के मेश्राम ने कहा कि स्वतंत्र भारत मे समता समानता बंधुत्व और भाईचारे का प्रतीक नाम डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर है इसलिए उनका सम्मान कर केन्द्र सरकार स्वयं का सम्मान बढ़ाये। एससी एसटी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनिल रामटेके ने कहा कि सेल भेल रेल सहित अनेक केन्द्र व सरकारी संस्थाओ का निजीकरण कर केन्द्र सरकार देश मे समाजवाद के स्थान पर पूंजीवाद को बढ़ावा दे रही है जो कि आम जनता के लिए घातक है। पूर्व आईएएस व संभागायुक्त दिलीप वासनीकर ने कहा कि देश के अनेक राज्यो के विभिन्न उपक्रमो के निरीक्षण से यह बात स्पष्ट हुई है कि निजीकरण किसी भी दृष्टिकोण से भारतीय जनता के हित मे नही है,

डा.बाबासाहेब आम्बेडकर ने और पूर्ववर्ती सरकार ने निजीकरण का राष्ट्रीयकरण किया था उसे इस सरकार को बहाल करना चाहिए। अंत मे मुख्य अतिथि डा.ओम सुधा ने छत्तीसगढ़ परिसंघ के प्रदेश संयोजक अनिल मेश्राम को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की घोषणा करते हुए अपने उद्बोधन मे कहा कि आज भारत का एक उद्योगपति गौतम अदानी ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रतीक बन गया है और भारत की जनता फिर से गुलामी की ओर बढ़ती नजर आ रही है।

चिंता इस बात की है कि लाखो करोड़ का घोटाला करने वाले ऐसे लोगो को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संरक्षण प्रदान कर देश की आजाद जनता को फिर से आर्थिक गुलामी, मंहगाई और बेरोजगारी के दलदल मे धकेलने का काम कर रहे है। परतंत्र को लोकतंत्र मे परिवर्तित करने वाले भारतीय संविधान के शिल्पकार और स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डा.बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर ही एकमात्र उपयुक्त नाम है जिनके नाम पर नई संसद भवन का नामकरण होना चाहिए क्योकि उन्होने देश हित मे सभी वर्गो के हितो को संविधान मे संरक्षित किया है।

सम्मेलन को आनलाइन संबोधन करते हुए पद्मभूषण सैम पित्रोदा ने लंदन से संबोधित करते हुए शुभकामनाऐ दी तथा डा.उदित राज ने दिल्ली से अनिल मेश्राम को बधाई देते हुए संगठन और समाज हित मे निजीकरण व आरक्षण की लड़ाई लड़ने हेतु प्रेरित किया। सम्मेलन मे विभिन्न जिलो से आये अनेक प्रतिनिधि व स्थानीय सामाजिक प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र खूंटे कोरबा और आभार प्रदर्शन मोहन राय बलौदा बाजार द्वारा किया गया।