दिनांक : 16-Apr-2024 06:01 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

Vishesh Lekh

जन्म से दोनों हाथ नहीं, फिर भी महापरीक्षा में कामयाबी हासिल,आज सफलता के शिखर पर पहुँचने को आतुर शांति

जन्म से दोनों हाथ नहीं, फिर भी महापरीक्षा में कामयाबी हासिल,आज सफलता के शिखर पर पहुँचने को आतुर शांति

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
जन्म से विकलांगता से जूझने वाली  30 वर्षीय दिव्यांग शांति बाई ठाकुर के पास हौसले की कोई कमी नहीं है। महासमुंद सहित पूरे छत्तीसगढ़ में  पैर से लिखकर प्रौढ़  शिक्षार्थी के तौर पर मशहूर शांति की कहानी एक मिसाल बन गई है जो लाखों लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। शांति का जन्म महासमुंद ज़िले के बागबाहरा के दैहानीभाठा में हुआ। जन्म के समय ही इनके दोनों हाथ नही थे। बड़ा सवाल यह है छोटी उम्र में आत्महत्या विचार करने वालि शांति ने सफलता की कौन सी कुंजी खोज निकाली जो आम लोगों के पास नहीं है। विकलांग लोगों को व्हील चेयर देने या उनके लिए कोई इमारत बनाने से बदलाव नहीं आएगा, उन्हें भरोसा देने की जरूरत है कि आप भी कुछ कर सकते हैं। आज वह सफलता के शिखर पर पहुँचने को आतुर दिखाई दे रही है। कई बार सुना मंजिलें उनको मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान ...
विशेष लेख : नई उद्योग नीति : छत्तीसगढ़ में कृषि से उद्योगों को जोड़ने की पहल

विशेष लेख : नई उद्योग नीति : छत्तीसगढ़ में कृषि से उद्योगों को जोड़ने की पहल

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को उद्योगों से जोड़ने की पहल नई उद्योग नीति में की गई है। राज्य में कृषि उत्पादनों और वनोपजों के वैल्यूएडिशन के जरिए भी लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य में पिछड़े वर्गों को उद्योगों से जोड़ने के नये प्रावधान भी किए गए हैं।  राज्य में उद्योग हितैषी नीतियों के कारण नये-नये उद्योगों की स्थापना हो रही है। युवाओं को उद्यमियता से जोड़ने के लिए नये स्टार्टअप विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोर सेक्टर के साथ ही नये क्षेत्रों में भी उद्यमियों को आकर्षित किया जा रहा है। विगत 3 वर्षों में कुल एक हजार 751 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई है, जिसमें 19550.72 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। इससे 32 हजार 912 लोगों को रोजगार प्राप्त...
ट्रेनिंग के बाद शुरू किया खुद का बिजनेस; अब दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह देंगे अवॉर्ड

ट्रेनिंग के बाद शुरू किया खुद का बिजनेस; अब दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह देंगे अवॉर्ड

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) के तहत दिहाड़ी मजदूरी कर रहे मजदूर ने जिंदगी की नई राह पकड़ी है। कौशल प्रशिक्षण के बाद कई मजदूरों ने खुद का व्यवसाय शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के ऐसे छह मजदूरों को केंद्र सरकार सम्मानित करने जा रही है। नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 24 मार्च को आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह इन मजदूरों को सम्मानित करने वाले हैं। अधिकारियों ने बताया, जिन लोगों को इस सम्मान के लिए चुना गया है, उसमें धमतरी जिले की भनपुरी पंचायत निवासी नीतू बाई साहू भी एक हैं। कभी मनरेगा में मजदूरी करने वाली नीतू ने प्रशिक्षण के बाद मशरूम उत्पादन शुरू किया है। धमतरी की ही सारंगपुरी पंचायत निवासी फूलवंती कंवर ने अब मोमबत्ती बनाकर जीविका का नया साधन खड़ा कर लिया है। गरियाबंद जिले के लोहरसी गांव की गीतांजली ध्रुव और पतोरा ...
गरियाबंद : राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध एवं स्थानीय लोक कलाकारों की होगी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति,

गरियाबंद : राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध एवं स्थानीय लोक कलाकारों की होगी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति,

Vishesh Lekh
राजिम माघी पुन्नी मेला 2022 के मुख्य मंच पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध लोक गायकों और कलाकारों द्वारा राज्य के पारंपरिक कला एवं सांस्कृतिक और छत्तीसगढ़ वासियों के मन में रचे-बसे कार्यक्रमों की प्रतिदिन प्रस्तुति दी जायेगी। कलेक्टर नम्रता गांधी ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक में माघ पूर्णिमा 16 फरवरी से आयोजित होने वाले 15 दिवसीय राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयारियों की व्यापक समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाएं मंगलवार की शाम 5 बजे तक सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर ने इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। कार्यक्रम के पहले दिन 16 फरवरी को शाम 6 बजे से रात्रि 7.30 बजे तक पंडवानी गायिका उषा बारले तथा रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक दिलीप षंढ़गी द्वारा प्रस्तुति से मेला की रंगारंग शुरूआत होगी। इसी तरह 01 मार्च महाशिवरात्रि तक प्रत्येक दिन तीन ...
बलरामपुर :अनुभा और रंजन को मिला नया स्कूल, अंग्रेजी में फिर करेंगे पढ़ाई

बलरामपुर :अनुभा और रंजन को मिला नया स्कूल, अंग्रेजी में फिर करेंगे पढ़ाई

Vishesh Lekh
कलेक्टर ने कराया शाला प्रवेश, कोविड काल में फीस न भर पाने से छुटी थी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई बलरामपुर 15 जनवरी 2022 कक्षा पांचवी के छात्र अनुभा पाल व रंजन पाल का स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल, बलरामपुर में शाला प्रवेश हुआ। अनुभा व रंजन वही दो बच्चें हैं, जिनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर कलेक्टर ने दो दिन पहले ही उन्हें अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भर्ती कराने के निर्देश दिए थे। दाखिला उपरांत आज दोनों बच्चों का शाला प्रवेश कराया गया और कलेक्टर कुंदन कुमार अभिभावक की भूमिका में इस दौरान उनके साथ उपस्थित रहे। उन्होंने दोनों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनका उत्साहवर्धन किया। बच्चों को स्कूल ड्रेस तथा किताबें भी दी गई और बच्चों ने पुष्पगुच्छ देकर कलेक्टर का अभिवादन किया। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने बच्चों का परिचय कराते हुए कहा कि अनुभा डॉक्टर और रंजन आईएएस बनना च...
रायगढ़ : मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से साकार हुआ नितिन का उद्यमी बनने का सपना

रायगढ़ : मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से साकार हुआ नितिन का उद्यमी बनने का सपना

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलता नहीं मिलने के बाद एक उद्यमी बनने का सपना संजोये श्री नितिन टांडे के सामने आर्थिक समस्या सबसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन उनके इस सपने को साकार किया छत्तीसगढ़ शासन की मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना ने। इस योजना के माध्यम से श्री नितिन टांडे आज हार्डवेयर दुकान प्रारंभ कर एक सफल उद्यमी बन चुके है। सारंगढ़ के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित ग्राम पचपेड़ी तहसील सारंगढ़ निवासी श्री नितिन टांडे ने प्राथमिक शिक्षा के पश्चात हार्डवेयर का दुकान प्रारंभ करना चाहते थे, जिसके लिए श्री टांडे ने ऋण के लिए काफी प्रयास किया लेकिन जानकारी के अभाव में ऋण नहीं मिला। इसके बाद भी वे उद्यमी बनने के इरादे से लगातार प्रयास करते रहे। इसी दौरान जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रायगढ़ से लाभान्वित हितग्राही से उसकी मुलाकात हुई एवं योजना की जानकारी मिली। उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन...
छत्तीसगढ़ का गोधन न्याय योजना नई दिल्ली के राजपथ पर बिखेरेगी अपनी सफलता के रंग

छत्तीसगढ़ का गोधन न्याय योजना नई दिल्ली के राजपथ पर बिखेरेगी अपनी सफलता के रंग

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली के राजपथ पर होने वाले मुख्य समारोह की शान बनेगा। रक्षा मंत्रालय की उधास्तरीय विशेषज्ञ समिति ने गोधन न्याय योजना पर बनी राज्य की झांकी को हरी झंडी दे दी है। दो माह से नई दिल्ली में चल रही चयन प्रक्रिया के बाद छत्तीसगढ़ ने यह उपलब्धि हासिल की है। सीएम भूपेश बघेल ने इस जानकारी को ट्वीट कर शेयर भी किया है। सीएम ने ट्विटर पर लिखा है कि अब हमारी अनूठी गोधन न्याय योजना की सफ़लता का साक्षी पूरा देश बनेगा। जय हो! अब हमारी अनूठी #गोधन_न्याय_योजना की सफ़लता का साक्षी बनेगा पूरा देश. आप सभी को बताना चाहता हूँ कि गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय परेड में नई दिल्ली के राजपथ पर अपनी सफलता के रंग बिखेरने के लिए छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की झांकी अंतिम रूप से चयनित हुई है।#CGSwabhimaanKe3Saal pic.twitter.com/QA4cBeWUC...
रायपुर: जोरा में अच्छी मेडिकल फैसिलिटी नहीं मिली तो साईं नगर के लोगों ने खोला अपना अस्पताल, इलाज निशुल्क और दवा में 20% छूट

रायपुर: जोरा में अच्छी मेडिकल फैसिलिटी नहीं मिली तो साईं नगर के लोगों ने खोला अपना अस्पताल, इलाज निशुल्क और दवा में 20% छूट

Vishesh Lekh
शहर में एक अस्पताल ऐसा भी है जिसका संचालन सरकार या संस्था नहीं, बल्कि वहां के लोग करते हैं। जोरा के साईं नगर में खुला संभवत: यह शहर का पहला अस्पताल है जिसे आवासीय समिति संचालित कर रही है। इसकी शुरुआत इसलिए हुई थी ताकि सोसाइटी के लोगों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। 4 माह में इसका इतना प्रचार हुआ है कि अब 10-12 किलाेमीटर दूर से भी लोग यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। निशुल्क इलाज के साथ यहां लोगों को दवाओं में 20% छूट भी दी जा रही है। इस नेक कार्य की शुरुआत डॉ. देवेंद्र सूर्यवंशी ने की थी। उनका कहना है कि आसपास के इलाकों में इलाज की अच्छी सुविधा नहीं है। यह बात उन्हें कई दिनों से खटक रही थी। उन्होंने जब इस संबंध में साईं नगर आवासीय समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर राव से चर्चा की तो खुद का अस्पताल खोलने पर सहमति बनी। शहर के कुछ डॉक्टरों भी हफ्ते में एक दिन 3 घंटे निशुल्क सेवा देने के लिए राजी हो गए। इ...
छत्तीसगढ़ का पहला मामला:जगदलपुर के धरमपुरा में एक साल से घूम रहा दुर्लभ सफेद कौवा

छत्तीसगढ़ का पहला मामला:जगदलपुर के धरमपुरा में एक साल से घूम रहा दुर्लभ सफेद कौवा

Vishesh Lekh
आपने काले कौवे तो बहुत देखे होंगे लेकिन आपके शहर के पास दलपतसागर से लगे धरमपुरा इलाके में सालभर से एक दुर्लभ सफेद कौवा घूम रहा है। यह कौवा आम कौवे के साथ ही रहता है। इसकी उपस्थिति पर जीव विज्ञानी सालभर से नजर रखे हुए हैं। लगातार शोध के बाद अंतरराष्ट्रीय साइंस जर्नल एंबियंट साइंस में इसका विवरण भी प्रकाशित किया गया। धरमपुरा क्षेत्र बड़े पेड़ों से भरा है। कच्चे से लेकर पक्के मकान तक हैं। जहां इनके रहवास की अच्छी सुविधाएं हैं। एक्सपर्ट व्यू: जानिए, ये कौवा क्यों है सफेद पीजी कॉलेज के जीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील दत्ता के मुताबिक संभवत: छत्तीसगढ़ का यह पहला मामला है। ल्यूसिस्टिक का मतलब रंग कणिकाओं का कम होना होता है। मिलेनिन कणिकाएं पंख और चमड़ी में कम हो जाती हैं इससे ये सफेद दिखते हैं। इनकी सुरक्षा और बचाव जरूरी पक्षी विज्ञानियों के मुताबिक इनकी आवाज में भिन्नता महसूस की जात...
विशेष लेख : गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजोए रखने का मार्ग प्रशस्त हुआ…

विशेष लेख : गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजोए रखने का मार्ग प्रशस्त हुआ…

Tribal Area News and Welfare, Vishesh Lekh
अपनी परंपरा की समृद्ध सांस्कृतिक समझ उज्जवल भविष्य का नींव भी तैयार करती है। परंपरा अपने परिवेश की समझ के आधार पर तैयार की गई है। कृषि प्रधान संस्कृतियों के विकास में गोधन की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है और हमारे पूर्वजों ने इसे समझते हुए गोधन का उपयोग आर्थिक विकास के लिए पूरी तौर पर किया। अन्नदा, वन्नदा, सुखदा की आवधारणा को लेकर चलते हुए उन्होंने प्रकृति को सहेजते हुए जैविक खेती अपनाई, गोबर खाद का प्रयोग किया। पंचगव्य का प्रयोग कीटनाशक की तरह फसलों की रक्षा के लिए किया। कृषि को संरक्षण प्रदान करने के लिए इसकी अभिवृद्धि के लिए इन्होंने संसाधन स्थानीय परिवेश से ही लिए। यही वजह है कि सैकड़ों वर्षाें से अन्न देने वाली छत्तीसगढ़ की धरती कभी वंध्या न हुई। रासयनिक खादों के बढ़ते प्रयोग ने भूमि पर दबाव डाला और इसकी उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे क्षरित होने लगी है। इन सभी बातों को भली-भांती समझते हुए प्र...