फिल्म नीति बनने से मिल रहा छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर 1965 में श्कहि देबे संदेशश् और श्घर-द्वारश् से शुरू हुआ, जो निरंतर जारी है। छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखा है। इन फिल्मों ने सामाजिक व्यवस्था, सामाजिक कुरीतियां और समाजिक परिवेश पर अपनी बात कही है। दर्शकों के मन में मनोरंजन के साथ फिल्मों के माध्यम से अपनी संस्कृति को लेकर गौरव की अनुभूति की अपेक्षा होती है। दूसरी ओर प्रदेश की कला, संस्कृति और फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति इसी कड़ी का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनने से छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा विशेष रूप स...