हैदराबाद एजेंसी) | आंध्र प्रदेश की 107 वर्ष की मस्तानम्मा पोपली मुस्कान के साथ खुले धान के खेत के बीच मुंह में पानी ला देनी वाली डिशेज बनाती हुई यूट्यूब की दुनिया में हलचल मचा दी थी। मस्तानम्मा बीच-बीच में अपनी जिंदगी के कई किस्से भी सुनाती हैं जैसे उन्होंने बाताया एक बार गांव के दो लड़कों ने उन्हें चिढ़ाने की कोशिश की तो उन्होंने उसमें से एक को ऐसा धक्का मारा की वो जाकर नहर में गिरा। उसके साथ आए लड़के ने जब मिन्नतें की तो फिर मस्तम्मा ने उस गुस्ताख लड़के की जान भी बचाई। उनकी आंखों की चमक तब बढ़ जाती है जब वे कहती हैं, ‘उस दिन के बाद मुझे कभी किसी ने नहीं छेड़ा।’
कहते है कि प्रतिभाएं कभी किसी की मोहताज नहीं होती हैं। वह अपना रास्ता, अपनी पहचान खुद ब खुद अपनी सोच से बना लेती हैं। यही वजह है कि हुनरमंदों के लिए उम्र भी आड़े नहीं आती है। ऐसी ही एक हुनरबाज आंध्रप्रदेश की 107 साल की दादी हैं। इनके पास खाना बनाने का ऐसा हुनर है कि बड़े से बड़े मास्टरशेफ को मात देदें। इनके गांव में कोई इन्हें “अम्मा” कहता है तो कोई दादी। यह अपने इसी हुनर से आज दुनिया की सबसे बुर्जुग महिला यूटयूबर भी बन गई हैं।
इनके “कंट्री फूड्स” चैनल से जुड़े हैंं 12 लाख से भी अधिक लोग
यह अपने इसी हुनर से आज दुनिया की सबसे बुर्जुग महिला यूटयूबर भी बन गई हैं। मस्तानम्मा आंध्रप्रदेश के गुड़ीवाड़ा से बिलॉन्ग करती हैं। इस उम्र में भी वह यूट्यूब पर ” कंट्री फूड्स” नाम का एक चैनल है, जो उनके पोते ने उनके लिए बनाया है। वे आंध्र प्रदेश के कई लोकप्रिय स्थानीय जायके वाले व्यंजन बनाती है। उन्हें ” ग्लोबल दादी” कहना गलत नहीं होगा। हालांकि यह यूटयूब चैनल इनका पोता चलाता है।
एक साल से भी कम समय में उनके यूट्यूब में 12 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हो गए थे। कभी बकरी की टांग का सूप बनाती कभी, चिकन फ्रेंकी बनाती, कभी चिकन ड्रमस्टिक्स बनाती है, कभी प्रान बिरयानी तो कभी वाटर मिलन चिकन बनाती मस्तानम्मा की रेसिपी ने दुनियाभर में धूम मचाई। दरअसल उनके पोते ने यू ट्यूब में कंट्री फूड नाम से एक चैनल खरीदा। एक महीने से भी कम समय में ये चैनल मोनेटाइज यानी कमाऊ भी हो गया।
मस्तानम्मा की मदद उनकी पोती करती थीं। खुले खेत में चूल्हा जलाकर ‘दादी’ देसी डिसेज बनातीं। इतना ही नहीं उनकी पोती वहीं ताजा-ताजा सिल में मसाला पीसकर छौंक के मसाले का पेस्ट तैयार करतीं। मस्तम्मा हर रेसिपी के बारे में विस्तार से बतातीं और बनी हुई डिश को स्वाद ले-लेकर उसके हर स्वाद के पीछे के मसाले को बतातीं।
पोते लक्ष्मण जो कि ग्राफिक डिजायनर हैं ने बताया कि मस्तानम्मा के इंटरनेट में कदम रखने की कहानी शुरू होती है, अगस्त 2016 में जब उन्होंने ब्रिंजल करी यानी बैंगन की करी उनके और उनके दोस्त के लिए बनाई। लक्ष्मण को सूझा कि इसे क्यों न यूट्यूब में पोस्ट करें। एक रात में मस्तानम्मा का ये वीडियो 75 लाख लोगों ने देखा। एक दिन पहले तक गांव में मशहूर रही मस्तानम्मा दूसरे दिन यूट्यूब की सनसनी बन चुकी थीं।
मस्तानम्मा की मौत का वीडिया 3 दिसंबर को उनके यूट्यूब चैनल country food में पोस्ट किया गया है। इस वीडियो को एक दिने के भीतर 78,911 लोग देख चुके हैं।
सी-फूड बनाने में देती हैं बड़े-बड़े मास्टरशेफ को मात
जैसे हर किसी की खाने बनाने की अपनी स्पेशियलिटी होती है। ठीक वैसे ही मस्तनम्मा को सीफूड बनाने का हुनर हासिल है। वे सीफूड की एक से एक वेराइटी बना लेती हैं। ऐसे लोग अपने गांव का ही नहीं बल्कि अपने भारत का भी गर्व हैं।
इंडिया से ही नहीं बल्कि विदेश में भी हैं फैन्स
वह देसी व्यंजनों को अपनी ही स्टाइल में तैयार करती है। इसके लिए वो कोई मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करती है। देसी अंदाज में लकड़ी का चूल्हा बनाती हैं और खाना तैयार करती हैं। उनकी खास बात यह है कि उनके फैंस इंडिया तक में ही सीमित नहीं है बल्कि इन्होंने अपने हुनर से विदेशों में भी अपने प्रशंसक बना लिए हैं।